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उत्तराखंड: वन विभाग के नए मुखिया के लिए कसरत शुरू, 31 को रिटायर हो रहे जयराज; इन नामों पर चर्चा

उत्तराखंड वन विभाग के नए मुखिया के लिए कसरत शुरू हो गई है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई डीपीसी में उत्तराखंड वन विभाग के नए मुखिया यानी पीसीसीएफ के एक पद के लिए चार वरिष्ठ आइएफएस के नामों पर चर्चा हुई।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 02:48 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 02:48 PM (IST)
उत्तराखंड: वन विभाग के नए मुखिया के लिए कसरत शुरू, 31 को रिटायर हो रहे जयराज; इन नामों पर चर्चा
वन विभाग के नए मुखिया के लिए कसरत शुरू।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। वन विभाग के नए मुखिया (हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स) के कसरत शुरू हो गई है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक में छह वरिष्ठ आइएफएस के नामों पर चर्चा की गई। समिति ने इस पद के लिए अपनी संस्तुति कर दी है और अब फाइल अनुमोदन के लिए सरकार को भेजी जा रही है।

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वन विभाग के मौजूदा मुखिया जय राज 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसे देखते हुए मंगलवार को हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स (हॉफ) के पद के लिए हुई डीपीसी की बैठक में वरिष्ठ आइएफएस रंजना काला, राजीव भरतरी, विनोद कुमार सिंघल, अनूप मलिक, ज्योत्सना शिथलिंग और डॉ. धनंजय मोहन के नामों पर विचार हुआ। मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर उप्र वन विभाग के मुखिया डॉ.राजीव गर्ग, राज्य के प्रमुख सचिव वन आनंद बद्र्धन और विभाग के वर्तमान मुखिया जयराज मौजूद थे। उधर, प्रमुख सचिव वन आनंद बद्र्धन ने बताया कि समिति ने अपनी संस्तुति कर दी है। अब इसे अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।

हॉफ के लिए सिंघल का पलड़ा भारी

वन विभाग के नए मुखिया यानी हॉफ के लिए हाल में प्रतिनियुक्ति छोड़कर वापस लौटे विनोद कुमार ङ्क्षसघल का पलड़ा भारी माना जा रहा है। असल में वरिष्ठता में सबसे ऊपर 1985 बैच की आइएफएस रंजना काला एक दिसंबर को रिटायर हो रही हैं। ऐसे में उन्हें एक माह के लिए चीफ बनाया जाएगा, इसकी संभावना कम लग रही हैं।

उनके बाद वरिष्ठता क्रम में 1986 बैच के आइएफएस राजीव भरतरी और फिर 1987 बैच के विनोद कुमार सिंघल व अनूप मलिक और 1988 बैच के आइएफएस डॉ.धनंजय मोहन हैं। पूर्व में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन का दायित्व देख रहे राजीव भरतरी से शासन यह प्रभार हटाकर उन्हें जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष पद पर भेज दिया था। चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन का दायित्व उनसे दो बैच जूनियर जेएस सुहाग को दे दिया गया। डॉ. धनंजय मोहन पहले ही प्रतिनियुक्ति पर भारतीय वन्यजीव संस्थान में बतौर निदेशक चले गए थे।

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इन सब परिस्थितियों को देखते हुए हॉफ के लिए सिंघल व मलिक के नाम पर विचार हो सकता है। बता दें कि सिंघल पूर्व में केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर थे, जिसकी अवधि जनवरी 2021 में समाप्त होनी थी। सरकार ने हाल में उन्हें प्रतिनियुक्ति खत्म होने से पहले ही वापस बुलाया है। वह शासन में ज्वाइनिंग भी दे चुके हैं।

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