Move to Jagran APP

Uttarakhand Election 2022: हरक की नई सीट की तलाश ने भाजपा में मचाई हलचल, नेतृत्व ने लिया संज्ञान

Uttarakhand Vidhan Sabha Election 2022 कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नई विधानसभा सीट की तलाश ने एक बार फिर भाजपा में हलचल मचा दी है। अब केदारनाथ से पूर्व विधायक शैलारानी रावत ने भी पार्टी को चेतावनी दे दी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 04:11 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 04:11 PM (IST)
भाजपा विधायक हरक सिंह रावत ने कोटद्वार की जगह दूसरी सीट से चुनाव लड़ने की जताई इच्‍छा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नई विधानसभा सीट की तलाश ने एक बार फिर भाजपा में हलचल मचा दी है। पहले लैंसडौन के विधायक दिलीप रावत ने उनके विरुद्ध मोर्चा खोला और अब केदारनाथ से पूर्व विधायक शैलारानी रावत ने भी पार्टी को चेतावनी दे दी है। हरक सिंह रावत इस बार अपनी कोटद्वार विधानसभा सीट के बजाय किसी अन्य सीट से चुनाव लडऩा चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने पार्टी के सामने तीन सीटों के विकल्प रखे हैं। वह लैंसडौन से अपनी पुत्रवधू के लिए भी टिकट मांग रहे हैं।

loksabha election banner

गुरुवार को भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने हरक सिंह रावत को बुलाकर बंद कमरे में लंबी बातचीत की। लगभग एक घंटा चली बातचीत में रावत ने चुनाव प्रभारी को अपनी इच्छा से अवगत करा दिया। बाद में एक अन्य कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से भी चुनाव प्रभारी ने बात की।

गुरुवार का दिन भाजपा के लिए हलचल भरा रहा। दोपहर में भाजपा के लैंसडौन से विधायक महंत दिलीप रावत पार्टी मुख्यालय पहुंचे और प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय, प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी व कुलदीप कुमार समेत अन्य पार्टी नेताओं से भेंट की। दरअसल, बुधवार को इंटरनेट मीडिया में तेजी से चर्चा चली थी कि दिलीप रावत दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं और वह भाजपा छोड़ सकते हैं।

बुधवार देर शाम उन्होंने जागरण से बातचीत में स्पष्ट किया कि वह दिल्ली नहीं, देहरादून में हैं और किसी अन्य दल में नहीं जा रहे हैं। स्वयं के बारे में चल रही चर्चाओं को निराधार साबित करने के लिए वह गुरुवार को भाजपा मुख्यालय आए। पत्रकारों से बातचीत में विधायक दिलीप रावत ने कहा कि विरोधी उनके खिलाफ इस तरह का दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह हिंदूवादी हैं और भाजपा इसका संरक्षण करती है। वह भाजपा के सच्चे सिपाही हैं। अन्य किसी दल के बारे में सोचने का प्रश्न ही नहीं उठता।

यह भी पढ़ें- देहरादून की इस सीट पर कोई नहीं दे सका भाजपा को चुनौती, जानिए भाजपा और कांगेस के दावेदारों के बारे में

पूर्व विधायक शैलारानी ने दिखाए तेवर, हरक बोले, मैं पाकिस्तानी नहीं

गुरुवार को केदारनाथ की पूर्व विधायक शैलारानी रावत के तीखे तेवर भी सामने आ गए। प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंची शैलारानी रावत ने कहा कि वह अपने क्षेत्र के विकास के लिए समर्पित हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकास की सोच से प्रभावित होकर वह भाजपा में शामिल हुईं। साथ ही जोड़ा कि आने वाला समय बताएगा कि अगले 10 दिन में हम क्या निर्णय लेंगे। पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के केदारनाथ से चुनाव लडऩे की इच्छा जताने संबंधी प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हरक सिंह कहीं से भी चुनाव लड़ सकते हैं। केदारनाथ में पहले ही योग्य प्रत्याशी हैं। उल्लेखनीय है कि हरक सिंह रावत व शैलारानी रावत मार्च 2016 में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले नौ विधायकों में शामिल थे।

उधर, इसके जवाब में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि वह न तो पाकिस्तानी हैं और न चीन से आए हैं। वह देश के नागरिक हैं। इस तरह की संकुचित सोच नहीं होनी चाहिए। उन्होंने केदारनाथ आपदा के दौरान के कार्यों को गिनाया तो लैंसडौन, कोटद्वार व रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्रों में हुए कार्यों का भी ब्योरा दिया।

चुनाव प्रभारी के समक्ष हरक और सुबोध ने अलग-अलग रखी बात

दोपहर लगभग दो बजे भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी ने दो कैबिनेट मंत्रियों हरक सिंह रावत व सुबोध उनियाल को बुलावा भेजा। दोनों मंत्री डालनवाला में स्थित एक अतिथि गृह में चुनाव प्रभारी से मिलने पहुंचे। दोनों से चुनाव प्रभारी ने अलग-अलग बात की। सूत्रों के अनुसार हरक सिंह रावत ने अपनी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को लैंसडौन (पौड़ी गढ़वाल) सीट से प्रत्याशी बनाए जाने की बात रखी। इसके अलावा उन्होंने स्वयं केदारनाथ (रुद्रप्रयाग), यमकेश्वर (पौड़ी गढ़वाल) या डोईवाला (देहरादून) सीट से चुनाव लडऩे की इच्छा व्यक्त की। इसके बाद कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी प्रल्हाद जोशी से लगभग आधा घंटा बंद कमरे में बातचीत की।

कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत का कहना है कि प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी ने मुझे चुनावी परिदृश्य पर चर्चा के लिए बुलाया था। राज्य, खासकर गढ़वाल मंडल की विधानसभा सीटों को लेकर उनसे बात हुई कि किस तरह पार्टी चुनाव में और बेहतर कर सकती है। अन्य कुछ बातें भी मैंने चुनाव प्रभारी के सामने रखीं।

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि प्रदेश चुनाव प्रभारी के साथ मेरी बातचीत चुनाव की तैयारी और रणनीति पर ही केंद्रित रही। मेरी विधानसभा सीट नरेन्द्र नगर को लेकर इस दौरान किसी तरह की चर्चा नहीं हुई। चुनाव के समय चुनाव प्रभारी से मुलाकात सामान्य बात है।

लैंसडौन क्षेत्र के विधायक दिलीप रावत का कहना है कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरी तरह निभाऊंगा। दो बार पार्टी ने मुझे विधायक बनने का अवसर दिया। आशा करता हूं कि पार्टी नेतृत्व तीसरी बार भी अवसर प्रदान करेगा।

केदारनाथ की पूर्व विधायक शैला रानी रावत का कहना है कि मैंने 2016 में एक साल पहले ही विधानसभा सदस्यता छोड़ दी थी। सरकार और पार्टी मेरे साथ न्याय करेगी। हमने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र को पाला-पोसा व संवारा है। वहां योग्य प्रत्याशी हैं और महिलाओं को टिकट मिलना चाहिए। मैं बगावत नहीं करूंगी। परिस्थितियां, जनता व कार्यकर्त्‍ता बताएंगे कि आने वाला समय क्या होगा।

यह भी पढ़ें:-Uttarakhand Election 2022: कांग्रेस में शामिल होने की खबरों को भाजपा विधायक दिलीप रावत ने बताया निराधार, कहा- मैं भाजपा का सिपाही हूं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.