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उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत बोले, सामूहिक नेतृत्व की पंक्ति से मुझे हटाया जाए

Uttarakhand Asembly Election 2022 उत्तराखंड में कांग्रेस के भीतर घमासान थमने के आसार नहीं हैं। एक दिन पहले आगामी विधानसभा चुनाव की जंग के लिए सेनापति घोषित करने की पुरजोर पैरवी के बाद मंगलवार को हरीश रावत ने चुनाव में सामूहिक नेतृत्व की खुलकर मुखालफत कर दी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 09:36 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 09:36 AM (IST)
उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत बोले, सामूहिक नेतृत्व की पंक्ति से मुझे हटाया जाए
उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत बोले, सामूहिक नेतृत्व की पंक्ति से मुझे हटाया जाए।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Asembly Election 2022 उत्तराखंड में कांग्रेस के भीतर घमासान थमने के आसार नहीं हैं। एक दिन पहले आगामी विधानसभा चुनाव की जंग के लिए सेनापति घोषित करने की पुरजोर पैरवी के बाद मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने चुनाव में सामूहिक नेतृत्व की खुलकर मुखालफत कर दी। उन्होंने कहा कि सामूहिक नेतृत्व की पंक्ति से उन्हें हटा दिया जाए। प्रीतम सिंह या इंदिरा हृदयेश को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की स्थिति में वह पार्टी के फैसले का स्वागत करेंगे।

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कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हरीश रावत प्रदेश की सियासत पर अपनी मजबूत पकड़ ढीली करने को तैयार नहीं हैं। मंगलवार को फिर इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में उन्होंने सामूहिक नेतृत्व की पैरोकारों पर पलटवार किया। इशारों में अपने विरोधियों पर गंभीर आरोप भी लगाए। इंदिरा हृदयेश ने बीते रोज प्रीतम सिंह को पार्टी का कप्तान कहा था। हरीश रावत ने कहा कि प्रीतम सिंह सेनापति हैं, यह बहुत स्तुत्य कथन है। पार्टी से अनुरोध है कि उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए। यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में इंदिरा हृदयेश का भी स्वागत करेंगे।

अलबत्ता उनके नाम को लेकर असमंजस को उन्होंने समाप्त किया है। संगठन व नेता प्रतिपक्ष पर बोला तीखा हमला उन्होंने कहा कि वह कुछ समय उन्मुक्त रहकर राजनीति के बल पर धन कमाकर अब प्रदेश की राजनीति पर कब्जा जमाने की प्रवृत्ति के खिलाफ जन जागृति का काम करेंगे। कांग्रेस संगठन को एक होटल की चाहरदीवारी में कैद होकर निरंतर देखना उनके लिए कष्टकारक है।

वह कार्यकर्ताओं और स्वराज आश्रम (हल्द्वानी स्थित कांग्रेस कार्यालय) की गरिमा को दोबारा स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि 2017 में कुछ ऐसी स्याही से उनका नाम लिखा गया जो कांग्रेस के ऊपर बोझ बन गया। वह कांग्रेस को पाप अर्जित धन की स्याही से लिखे गए नाम के बोझ से भी मुक्त कर देना चाहता हैं। संयुक्त नेतृत्व में भी ऐसे नाम का बोझ पार्टी पर बना रहेगा।

सामूहिक नेतृत्व में ही लड़ेंगे चुनाव- प्रीतम

उधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की टिप्पणी पर कहा कि वह वरिष्ठ नेता हैं। पार्टी को दिया गया सुझाव उनका निजी विचार है। आगामी चुनाव पार्टी सामूहिक नेतृत्व के साथ लड़ेगी। 2002 से 2012 तक तीन चुनावों में इसी रणनीति को अपनाया जा चुका है। 

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