ड्रोन व सेटेलाइट फोन से लैस होंगे उत्तराखंड के सभी जिले
उत्तराखंड के सभी जिले ड्रोन व सेटेलाइट फोन से लैस होंगे। सरकार की मंशा इनका इस्तेमाल कर आपदा होने की सूरत में त्वरित प्रतिक्रिया देना है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए प्रदेश के सभी जिले ड्रोन व सेटेलाइट फोन से लैस होंगे। सरकार की मंशा इनका इस्तेमाल कर आपदा होने की सूरत में त्वरित प्रतिक्रिया देना है। इसके लिए राज्य आपदा प्राधिकरण प्रबंधन (यूएसडीएमए) प्रत्येक जिलों को बजट भी आवंटित कर चुका है और अतिरिक्त बजट की व्यवस्था भी की गई है। अभी तक यूएसडीएमए समेत छह जिलों के लिए 44 सेटेलाइट फोन व छह ड्रोन खरीद लिए गए हैं। शेष जिलों के लिए जरूरत के हिसाब से ड्रोन और 20 सेटेलाइट फोन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है।
बुधवार को सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में अपर सचिव आपदा प्रबंधन सविन बंसल ने कहा कि आपदा के दौरान ड्रोन अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसे देखते हुए सभी जिलाधिकारियों को जरूरत के हिसाब से एक व उससे अधिक ड्रोन खरीदने की छूट प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि इनका इस्तेमाल दुर्गम इलाकों में सूचनाओं को एकत्रित करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की मॉक ड्रिल में किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि राज्य एवं जनपद स्तर पर शहरी नियोजन, भूउपयोग, वन व रिसोर्स मैपिंग आदि के लिए अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी एवं नैनीताल में जीआइएस आधारित प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्य के लिए पुलिस, अग्निशमन व होमगाड्र्स के साथ ही न्याय पंचायत स्तर पर खोज व बचाव प्रशिक्षण कार्यक्रम किए जा रहे हैं।
वर्तमान में 612 न्याय पंचायतों में 15,300 लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील होने के कारण प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर 175 सेंसर व 100 लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं। आइआइटी रुड़की व पंतनगर विश्वविद्यालय के सहयोग से भूकंप सुरक्षित भवन बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानसून में चारधाम यात्रा के मद्देनजर भी पूरी तैयारी कर ली गई है।
यात्रा मार्गों पर मनमानी वसूली पर लगेगी रोक
चारधाम यात्रा को देखते हुए गृह महकमे ने बीते वर्षों में मिले इनपुट के आधार पर आयुक्त गढ़वाल का ध्यान यात्रियों की समस्या की ओर आकृष्ट किया है। प्रमुख सचिव गृह आनंद वद्र्धन की ओर से आयुक्त गढ़वाल को लिखे पत्र में वाहन संचालकों, घोड़ा संचालकों व व्यापारियों द्वारा यात्रियों से मनमाना शुल्क वसूलने, चिकित्सालयों में चिकित्सकों की समुचित व्यवस्था करने और चारधाम यात्रा के दौरान रोड कटिंग से यात्रियों को होने वाली परेशानी के निराकरण को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। खराब मौसम के दृष्टिगत प्रतिदिन चारधाम के मौसम की जानकारी लेकर इसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से यात्रियों को देने की व्यवस्था बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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