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अगर आप शराब के हैं शौकीन तो चौंका सकती है ये खबर, जानिए

शराब के शौकीन लोगों को ये खबर चौंका सकती है। उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा ने एक डिवाइस तैयार किया है जो आप की हर एक हरकत को भांप लेगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 18 Apr 2018 08:17 PM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 05:40 PM (IST)
अगर आप शराब के हैं शौकीन तो चौंका सकती है ये खबर, जानिए
अगर आप शराब के हैं शौकीन तो चौंका सकती है ये खबर, जानिए

देहरादून, [सुकांत ममगाईं]: सुरा के शौकीनों को यह खबर चौंका सकती है। उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा ने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है जिससे नशे, नींद और मोबाइल पर बात करने की स्थिति में ड्राइविंग करना मुश्किल होगा। शराब पीकर व्यक्ति ड्राइविंग सीट पर बैठा तो गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होगी। 

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दून में आयोजित पत्रकार वार्ता में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एचएस धामी ने बताया कि प्रदेश में बढ़ रही वाहन दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने की दृष्टि से राज्यपाल केके पाल ने इस विषय पर शोध कार्य करने का निर्देश दिया। जिसके बाद उनके नेतृत्व में आरआइ इंस्ट्रयूमेंट्स एंड इनोवेशन इंडिया के डॉ. आरपी जोशी व आकाश पांडे ने मिलकर एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है, जिसे गाड़ियों पर लगाए जाने के बाद नशे, नींद या मोबाइल पर बात करने की स्थिति में गाड़ी नहीं चलाई जा सकेगी। 

खून में उपस्थित एल्कोहल का पता लगा लेगा डिवाइस 

उन्होंने बताया कि ड्राइविंग सीट पर बैठने के बाद ड्राइवर को गाड़ी स्टार्ट करने के लिए डिवाइस पर लगे सेंसर पर फूंक मरनी होगी। जिससे ग्राफीन सेंसर तुरंत एक्टिवेट हो जाएगा और ड्राइवर के खून में उपस्थित एल्कोहल की मात्रा का आकलन कर लेगा। एमवी एक्ट के मानकों से अधिक एल्कोहल होने पर इंजन स्टार्ट ही नहीं होगा। ड्राइवर चालाकी दिखाते हुए किसी दूसरे व्यक्ति से फूंक मरवाता है तो भी डिवाइस में लगा आइआर सेंसर (इंफ्रा रेड सेंसर) इसे भांपकर गाड़ी को स्टार्ट नहीं होने देगा। 

ड्राइवर को नींद का झोंका आने पर यात्रियों को करेगा सतर्क  

नींद का झौंका आने की स्थिति में भी डिवाइस पर लगा इमेजिंग सेंसर ड्राइवर की आंखों की मूवमेंट के आधार पर गाड़ी में बैठे अन्य यत्रियों को आगाह कर देगा। गाड़ी चलाते हुए ड्राइवर द्वारा मोबाइल पर बात करने की स्थिति में भी इमेजिंग तकनीक द्वारा सतर्कता  सूचना प्रसारित की जाएगी। इसमें लगे जीपीआरएस व जीएसएम तकनीक से गाड़ी की लोकेशन भी जानी जा सकेगी। अगर गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है तो डिवाइस द्वारा 5 से 10 मिनट में 100 नंबर डायल कर इसकी सूचना स्वत: ही भेज दी जाएगी। 

करीब 80 जांचों से होकर गुजरेगा डिवाइस

डॉ. धामी ने बताया कि डिवाइस के फार्मूले को पेटेंट कराने के लिए यूकॉस्ट के पेटेंट सेल को भेज दिया गया गया है। उन्होंने बताया कि इस डिवाइस को गाड़ियों में लगाने से पहले 80 से भी अधिक जांच से गुजरना होगा। यह जांच मानेसर स्थित आई कैड, गुड़गांव स्थित एसजीएस लैब व पुणे स्थित एआरएआइ संस्थान में चल रही है। इसके बाद ही डिवाइस का राज्य सरकार के सम्मुख प्रदर्शन किया जाएगा। 

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