देहरादून में कॉम्पलेक्स की तीसरी मंजिल से कूदा डाक कर्मी, मौत
घंटाघर स्थित एमडीडीए के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की तीसरी मंजिल से एक शख्स ने छलांग लगा दी। आनन-फानन घायल को इलाज के लिए दून अस्पताल ले जाया गया। युवक की हालत गंभीर बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि युवक ने तनाव के चलते छलांग लगाई।
जागरण संवाददाता, देहरादून। डाकघर के सीनियर अकाउंटेंट ने घंटाघर स्थित एमडीडीए कॉम्प्लेक्स की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। गंभीर हालत में उसे पहले दून अस्पताल और फिर श्री महंत इंदिरेश अस्पताल ले जाया गया। श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि युवक तबादला नहीं होने के चलते परेशान था। हालांकि, पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
शहर कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर मुकेश डिमरी ने बताया कि सोमबीर (27 वर्ष) घंटाघर स्थित मुख्य डाकघर में सीनियर अकाउंटेंट के पद पर तैनात था। वह मूल रूप से ग्राम रोहाणा जिला सोनीपत (हरियाणा) का रहने वाला था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शुक्रवार को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे सोमबीर फोन पर बात करते हुए धारा पुलिस चौकी के सामने स्थित एमडीडीए कॉम्पलेक्स पहुंचा। कॉम्पलेक्स की तीसरी मंजिल पर पहुंचकर उसने छलांग लगा दी। धारा पुलिस चौकी का स्टाफ तुरंत सोमबीर को दून अस्पताल लेकर गया। वहां के चिकित्सकों ने अंदरूनी चोटें अधिक आने के कारण उसे प्राथमिक उपचार देकर श्री महंत इंदिरेश अस्पताल रेफर कर दिया। उन्होंने बताया, पूछताछ में यह बात सामने आ रही है कि सोमबीर कुछ समय से अधिकारियों के समक्ष तबादले की गुहार लगा रहा था, लेकिन उसका तबादला नहीं किया गया। इस कारण वह मानसिक रूप से परेशान चल रहा था।
रोकने पर भी नहीं माना
सब इंस्पेक्टर मुकेश डिमरी ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब सोमबीर ने छलांग लगाने के लिए पैर रेलिंग से बाहर निकाला तो कई व्यक्तियों ने उसे आवाज लगाकर कूदने से रोका। मगर, सोमबीर नहीं माना और नीचे कूद गया।
2019 में आया था देहरादून
सब इंस्पेक्टर मुकेश डिमरी ने बताया कि सोमबीर अविवाहित था और घर का इकलौता लड़का था। देहरादून में वह चुक्खूवाला में किराये पर रहता था। वह अक्टूबर 2019 में देहरादून आया था। इससे पहले लखनऊ में तैनात था। इन दिनों सोमबीर की मां भी देहरादून आई हुई हैं। घटना की सूचना मिलने पर उसकी बहन भी देहरादून पहुंच गई।
जिस मंजिल से कूदा, वहां चल रहा निर्माण कार्य
एमडीडीए कॉम्पलेक्स की शुरुआती दो मंजिलों में प्रतिष्ठान हैं, जबकि तीसरी मंजिल पर अभी निर्माण कार्य चल रहा है। शुक्रवार को कॉम्पलेक्स का यह हिस्सा पूरी तरह खाली था। शायद यह जानकारी सोमबीर को थी, इसीलिए उसने एमडीडीए कॉम्पलेक्स की इस मंजिल को आत्महत्या के लिए चुना। जिससे कोई उसे जबरन रोक न सके। यहां फ्रंट में करीब तीन फीट के एंगल लगे हैं, जिन्हें आसानी से पार किया जा सकता है।
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