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उत्तराखंड के ढाई लाख कार्मिकों को राहत, वेतन में अब कटौती नहीं; शासनादेश जारी

वेतन की कटौती से जूझ रहे राज्य के तकरीबन ढाई लाख कार्मिकों को राहत मिल गई। उनके वेतन में हर महीने हो रही एक दिन की कटौती एक अक्टूबर से नहीं होगी। उन्हें नवंबर माह में पूरा वेतन मिलेगा। इस संबंध में सोमवार को शासनादेश जारी हो गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 05:56 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 10:55 PM (IST)
उत्तराखंड के ढाई लाख कार्मिकों को राहत, वेतन में अब कटौती नहीं; शासनादेश जारी
ढाई लाख कार्मिकों के वेतन में अब कटौती नहीं।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस महामारी के दौर में वेतन की कटौती से जूझ रहे राज्य के तकरीबन ढाई लाख कार्मिकों को राहत मिल गई। उनके वेतन में हर महीने हो रही एक दिन की कटौती एक अक्टूबर से नहीं होगी। उन्हें नवंबर माह में पूरा वेतन मिलेगा। इस संबंध में सोमवार को शासनादेश जारी हो गया है। 

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त्योहारी सीजन पर राज्य सरकार ने कर्मचारियों और अधिकारियों को बड़ी राहत दी है। बीती 14 अक्टूबर को त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल ने यह अहम फैसला लिया था। इस फैसले को लागू करने में देरी न हो, लिहाजा वित्त सचिव अमित नेगी ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण के चलते चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के शुरुआती तीन महीने यानी अप्रैल, मई और जून में लॉकडाउन की वजह से राज्य की वित्तीय स्थिति पर भी संकट मंडरा रहा है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम को पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों और अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के मद्देनजर सरकार पर आर्थिक दबाव बढ़ा है। 

सरकार ने इन हालात में बीती 29 मई को आदेश जारी कर अखिल भारतीय सेवाओं समेत राज्य सरकार के सभी विभागों, सरकारी व सहायताप्राप्त शिक्षण, प्राविधिक शिक्षण संस्थानों, सार्वजनिक निगमों, उपक्रमों, निकायों के कार्मिकों के वेतन में एक दिन की कटौती का प्रविधान किया था। कटौती की जा रही यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की जा रही थी। सरकार के इस कदम का कर्मचारी संगठन विरोध कर रहे थे। वहीं त्योहारी सीजन में बाजार में छाई सुस्ती को दूर करने का दबाव भी सरकार पर था। इसे देखते हुए यह फैसला लिया गया। कटौती मुक्त होने से कर्मचारियों को एक हजार रुपये से लेकर करीब छह हजार रुपये तक फायदा होगा।

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हालांकि अखिल भारतीय सेवाओं में आइएएस, आइपीएस अधिकारियों, आइएफएस के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल सदस्यों, विधानसभा सदस्यों, विभिन्न आयोगों, निगमों, परिषदों में नियुक्त दर्जा प्राप्त मंत्री और राज्यमंत्री स्तर, अन्य दायित्वधारियों के वेतन से कटौती जारी रहेगी।

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