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एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर 15 खातों से रकम निकालने वाले दो आरोपित गिरफ्तार

नेहरू कॉलोनी पुलिस ने विगत आठ दिसंबर को क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक के एटीएम में स्कीमर लगाकर कई खातों से रकम उड़ाने वाले दोनों आरोपितों को पुलिस ने गिरफतार कर लिया है।

By Edited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 12:00 PM (IST)
एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर 15 खातों से रकम निकालने वाले दो आरोपित गिरफ्तार
एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर 15 खातों से रकम निकालने वाले दो आरोपित गिरफ्तार

देहरादून, जेएनएन। नेहरू कॉलोनी पुलिस ने विगत आठ दिसंबर को क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक के जोगीवाला स्थित एटीएम में हुई कार्ड क्लोनिंग की घटना का खुलासा कर दिया है। मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके पास से कंप्यूटर, स्कीमर, सीसीटीवी कैमरा, वायरलेस रिसीवर व क्लोन किए गए कार्ड व नकदी बरामद की है। 

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आरोपितों में से एक बिल्डिंग डिजाइनर और एक रेस्टोरेंट संचालक है। दोनों ने एटीएम से 65 कार्ड क्लोन कर लिए थे। जिसमें से 15 खातों से उन्होंने दून व हरिद्वार से चार लाख 66 हजार रुपये निकाल लिए थे। एक आरोपित पहले भी एटीएम क्लोनिंग में आगरा से जेल जा चुका है। 

विदित हो कि 15 दिसंबर को इंडियन ओवरसीज बैंक के नत्थनपुर, जोगीवाला शाखा के एटीएम में कार्ड क्लोनिंग की शिकायत लोगों ने पुलिस से की थी। यहां शातिरों ने स्कीमर और खुफिया कैमरा लगाकर लगभग 65 लोगों के एटीएम का क्लोन तैयार कर लिया था। इसकी जानकारी लोगों को तब मिली जब उनके खातों से पैसे निकलने शुरू हुए। 

एक के बाद एक जब 15 शिकायतें पुलिस और बैंक के पास पहुंची तो बैंक के शाखा मैनेजर नरेंद्र राणा ने कोतवाली नेहरू कॉलोनी में तहरीर दी। जिस पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि इसके बाद इस मामले के खुलासे के लिए इंस्पेक्टर नेहरू कॉलोनी के नेतृत्व में टीम गठित की गई। 

टीम ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों के साथ ही खाता धारकों की बैंक डिटेल व पूर्व में गिरफ्तार एटीएम क्लोनिंग वालों से पूछताछ की। साथ ही जिन एटीएम से शातिरों ने क्लोन किए गए एटीएम कार्ड का प्रयोग किया वहां लगे इंटरनल व आउटर कैमरों की फुटेज प्राप्त की गई। लगभग 100 से 120 एटीएम कैमरों की फुटेज चेक करने पर लाल रंग की संदिग्ध आई-10 कार पुलिस की नजर में चढ़ गई। 

शातिरों ने कार का नंबर छिपा रखा था। इसके बाद कार की तलाश में टीमों को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व उत्तर प्रदेश रवाना किया गया। शातिरों ने जीएमएस रोड के आंध्रा बैंक के एटीएम से भी पैसे निकाले थे। यहां भी आई-10 कार के कुछ नंबर प्रदर्शित हुए। इसके बाद जब नंबरों का सत्यापन किया गया तो कार देहरादून में पंजीकृत मिली। 

जानकारी जुटाने पर कार सोमेश कक्कड़, निवासी मोहित नगर जीएमएस रोड के नाम पर निकली। इसके बाद पुलिस ने कार मालिक केघर पर जाकर पूछताछ की तो पता चला कि सोमेश यहां किराये केमकान पर रहता था और यहां से दो-तीन दिन पहले परिवार सहित कहीं चला गया था। वह तीन साल से यहां किराये पर रहता था। 

इसके बाद उसके मूल पते की जानकारी जुटाई गई तो वह आगरा का रहने वाला निकला। इसके बाद टीम ने आगरा जाकर उसकी तलाश की। यहीं से उसके दोस्त अजय त्यागी के बारे में पता चला। इसके बाद शुक्रवार को मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने दोनों शातिरों सोमेश कक्कड़ पुत्र प्रवेश कक्कड़ निवासी बार्लोगंज आगरा व अजय त्यागी पुत्र अमर सिंह त्यागी निवासी डिफेंस कॉलोनी, आगरा को मोहित नगर जीएमएस रोड स्थित घर से दबोच लिया। 

इस दौरान पुलिस को घर से कंप्यूटर, स्कीमर, क्नोनिंग के उपकरण, कार्ड रीडर, ट्रांसमीटर, बैटरी, पिन होल कैमरा, टेप, मोल्डिंग, 54 एटीएम कार्ड, तीन लाख पांच हजार रुपये कैश बरामद हुए। 

अखबार में समाचार देखकर भाग गए थे दून से 

घटना सामने आने के बाद समाचार पत्रों में जब खबरें प्रकाशित हुई तो दोनों सतर्क हो गए और दून से पहले सहारनपुर और इसके बाद दिल्ली, रुड़की, आगरा, पुणे आदि स्थानों में छिपते रहे। जब अखबारों में पुलिस टीमों के हरियाणा, दिल्ली आदि जाने की खबर छपी तो दोनों क्लोनिंग के उपकरण आदि लेने दून पहुंच गए। 

शॉर्टकट तरीके से कमाना चाहते थे पैसे 

दोनों शातिर काफी पढ़े-लिखे हैं। सोमेश की मां महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। वह दून में बिल्डिंग डिजाइनिंग का काम करता था। जबकि आरोपित अजय त्यागी आगरा में फतेहबाद रोड पर मास्टर सेफ नाम से अपना रेस्टोरेंट चलाता था। आरोपित सोमेश पूर्व में हैदाराबाद स्थित अपने आर्किटेक्ट चाचा के लिए देहरादून में रहकर बिल्डिंग डिजाइनिंग करता था।

चाचा की मौत के बाद काम न मिलने के कारण उसने अपने साथी अजय त्यागी को देहरादून बुलाया और एटीएम क्लोनिंग के जरिये पैसा कमाने प्रयास किया। 

ऑनलाइन मंगवाए उपकरण, हवाई जहाज से पहुंचा था अजय 

सोमेश ने स्कीमर, पिन होल कैमरा व अन्य डिवाइस आदि ऑनलाइन मंगवाए थे। इसके लिए अजय त्यागी ने पैसे दिए थे। सामान आने के बाद सोमेश द्वारा देहरादून के एकांत इलाकों में स्थित बिना गार्ड वाले एटीएम चिह्नित कि ए गए और अजय त्यगी को आगरा से बुलाया। अजय आठ दिसबंर को हवाई जहाज से देहरादून आया और एक होटल में रुका। 

आठ को लगाए थे स्कीमर 

अगले दिन सोमेश के घर पर तैयार किए क्लोन सोमेश ने पहले से ही एटीएम चिह्नित कर लिया था। आठ को ही दोनों इंडियन ओवसीज बैंक के नत्थनपुर एटीएम में गए और स्कीमर लगा दिया। अगले दिन देर रात डिवाइस निकालकर सोमेश के घर जाकर 65 क्लोन कार्ड तैयार कर लिए। इसके बाद उन्होंने अगले दिन से देहरादून, हरिद्वार जाकर विभिन्न खातों से क्लोन एटीएम कार्ड के माध्यम से पैसे निकालने शुरू कर दिए। 

खातों में सैलरी आने का कर रहे थे इंतजार 

शातिरों ने 65 एटीएम का क्लोन तैयार किया था, लेकिन इसमें से केवल उन्होंने 15 खातों से ही रकम निकाली। जिन खातों में पैसा कम था, उनमें से पैसे नहीं निकाले गए। इंस्पेक्टर नेहरू कॉलोनी राजेश शाह ने बताया कि ऐसे खातों को यह लोग अगले महीने सैलरी का पैसा आने पर खाली करने की योजना बना रहे थे। बताया कि अभी तक तक चार लाख 66 हजार रुपये निकाले जा चुके हैं। जिनमें से नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में ही अब तक 15 मामले आ चुके है। 

कई एटीएम किए थे चिह्नित 

आरोपितों ने दून में कई एटीएम चिह्नित किए थे। इस वारदात में सफल होने के बाद उनकी योजनाचिह्नित एटीएम से डाटा चुराकर क्लोनिंग करने की थी। यदि पुलिस इन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाती तो शायद ये किसी बड़ी वारदात को भी अंजाम दे सकते थे। 

इंटरनेट से ही सीखा था क्लोनिंग का तरीका 

आरोपित सोमेश की मानें तो उसने एटीएम क्लोनिंग का तरीका और इसमें क्या-क्या सामान चाहिए इसकी पूरी जानकारी इंटनरनेट से ली थी।

एटीएम कार्ड क्लोन कर ज्वेलर्स के खाते से दो लाख निकाले

एटीएम क्लोनिंग के जरिये कई खातों से रकम उड़ाने के दो आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार तो किया, लेकिन इसी दौरान शहर में एक और एटीएम क्लोनिंग का मामला सामने आ गया। शातिरों ने धामावाला निवासी एक ज्वेलर्स के खाते से दो लाख पांच हजार रुपये निकाल लिए। रकम दिल्ली में ही एटीएम के जरिये निकाली गई है। पीड़ित ने इसकी शिकायत कोतवाली नगर में की है, जिस पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक सिमरनजीत सिंह पुत्र हरजीत सिंह निवासी धामावाला का सिमरन ज्वेलर्स फर्म के नाम से भारतीय स्टेट बैंक की कचहरी शाखा में खाता है। पीड़ित के मुताबिक शुक्रवार की सुबह उनके मोबाइल पर एसएमएस आया। जिसमें उसके खाते से दो लाख पांच हजार रुपये निकासी दिखाई गई। उन्होंने न तो पैसों की निकासी की थी और न ही अपना एटीएम कार्ड किसी को दिया। 

बताया कि इससे पहले उन्होंने 19 दिसंबर को दोपहर 12 बजे एक पेट्रोल पंप से पेट्रोल भरवाया था। इसके बाद से उन्होंने एटीएम कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया। पीड़ित के मुताबिक जब उन्होंने बैंक में पूछताछ की तो पता चला कि दिल्ली में एटीएम के माध्यम से शातिरों ने उनके पैसे निकाले हैं। इसमें कई ट्रांजेक्शन में 90 हजार कैश की निकासी की गई थी, जबकि 40 हजार रुपये अन्य खातों में ट्रांसफर किए गए। 

इसके अलावा भी 10 से 15 हजार की भी कई ट्रांजेक्शन हैं। पीड़ित की शिकायत के बाद कोतवाली नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कोतवाल शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि संबंधित एटीएम के फुटेज चेक करने के लिए टीमें दिल्ली भेजी जाएंगी। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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