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एनआरआइ समेत दो के बैंक खातों में सेंध, कर रहे थे पौने ग्यारह लाख ट्रांसफर

देहरादून में क्लोन चेक और फर्जी आरटीजीएस फार्म के जरिये एनआरआइ समेत दो के बैंक खातों से करीब पौने ग्यारह लाख रुपये ट्रांसफर करने की कोशिश का मामला सामने आया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 09:58 AM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 01:04 PM (IST)
एनआरआइ समेत दो के बैंक खातों में सेंध, कर रहे थे पौने ग्यारह लाख ट्रांसफर
एनआरआइ समेत दो के बैंक खातों में सेंध, कर रहे थे पौने ग्यारह लाख ट्रांसफर

देहरादून, जेएनएन। क्लोन चेक और फर्जी आरटीजीएस फार्म के जरिये एनआरआइ समेत दो के बैंक खातों से करीब पौने ग्यारह लाख रुपये ट्रांसफर करने की कोशिश की गई। मगर रकम ट्रांसफर किए जाने के पूर्व ही मामला पकड़ में आ गया और दोनों खाताधारक ठगे जाने से बच गए। मामले में यूको बैंक की ओर से क्लेमेनटाउन थाने में एक युवक और एक युवती पर मुकदमा दर्ज कराया है। यह दोनों वही हैं, जिन्हें कोतवाली पुलिस ने पिछले दिनों गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था।

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यूको बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक विकास कुमार की ओर से क्लेमेनटाउन पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया है कि 11 दिसंबर को दिन में दो बजे के करीब एक युवती कमलेश गोयल के नाम का चेक और आरटीजीएस फार्म लेकर पहुंची। उसने बताया कि चेक को जल्दी क्लीयर कर 5 लाख 85 हजार 916 रुपये मानस मुखर्जी के एसबीआइ कोलकाता के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाएं। 

युवती जब पूछा गया कि कमलेश गोयल क्यों नहीं आईं तो वह केवल यह कह कर चली गई कि कमलेश गोयल ने उसे ही यह काम सौंपा है। थोड़ी ही देर बाद एक युवक भी आया। उसने शांति मादरा के नाम की महिला का चेक और आरटीजीएस फार्म देकर 4 लाख 98 हजार 900 रुपये दिनेश गिरी नाम निवासी गाजियाबाद के कोटक महिंद्रा बैंक के खाते में ट्रांसफर करने को कहा गया। 

यह भी पूछताछ करने पर जल्दी से चला गया। कमलेश गोयल और शांति मादरा से संपर्क करने की कोशिश की गई तो पता चला कि यह दोनों चेक और आरटीजीएस फार्म फर्जी हैं। कमलेश की क्लेमेनटाउन में परचून की दुकान है, जबकि शांति मादरा कैलीफोर्निया में रहती हैं। एसओ क्लेमेनटाउन धर्मेंद्र रौतेला ने बताया कि यह दोनों युवक वही हैं, जिन्हें पिछले दिनों कोतवाली पुलिस ने गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था। युवती की पहचान कविता पुत्री साहब सिंह निवासी खेड़ी मानसिंह थाना, इंद्रिका, करनाल, हरियाणा व युवक की पहचान दिनेश गिरी पुत्र अनी गिरी निवासी दत्तनगर थाना, बलेड़ी, बागपत, उत्तर प्रदेश के रूप में हुई।

बैंक, एटीएम की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने आरबीआइ को भेजा पत्र

एटीएम कार्ड क्लोनिंग की ताजा वारदात ने बैंक से लेकर एटीएम तक की सुरक्षा में बरती जा रही खामियां एक बार फिर उजागर हो गई हैं। ग्यारह खाताधारकों को जहां सवा चार लाख रुपये की चपत लग चुकी है, वहीं पुलिस अब जालसाजों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। अगर इस घटना से किसी को फर्क नहीं पड़ा तो वह है बैंक। इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी भी शहर के एटीएम पर न तो सीसीटीवी कैमरे हैं और न ही गार्ड।

पिछले साल एटीएम कार्ड क्लोनिंग की देश की सबसे बड़ी वारदात सामने के बाद दून पुलिस ने सख्त कदम उठाए थे। पुलिस ने उन एटीएम को बंद करा दिया था, जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं थे या खराब पड़े थे और जिन पर गार्ड की तैनाती नहीं की गई थी। इसका असर यह हुआ कि शहर के प्रमुख इलाकों में स्थित एटीएम की सुरक्षा तो पुख्ता कर दी गई, लेकिन बैंकों की यह सजगता कुछ ही दिन तक रही। चंद महीने बाद ही फिर सबकुछ पहले जैसा हो गया। रिंग रोड स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक के जिस एटीएम पर जालसाजों स्कीमर और खुफिया कैमरा लगाया था, उस पर भी गार्ड नहीं था। गनीमत थी कि सीसीटीवी कैमरा काम कर रहा था।

कैमरे में दो जालसाजों की फुटेज तो कैद हो गई है, लेकिन दोनों के बारे में पुलिस को अभी कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी है। बैंकों की ओर से एटीएम की सुरक्षा को लेकर बरती जा रही इस लापरवाही को लेकर एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के राजपुर रोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को पत्र भेजकर बैंकों को एटीएम की सुरक्षा के प्रति सतर्क किए जाने का आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि सुरक्षा मानकों को पूरा न करने वाले एटीएम को कतई क्रियाशील स्थिति में न रखा जाए।

दून-हरिद्वार में पुलिस के छापे

रिंग रोड स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक के एटीएम में स्कीमर लगाने वाले जालसाजों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने दून व हरिद्वार में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। हालांकि इन छापों और दून-हरिद्वार हाइवे के सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगालने के बाद भी जालसाजों की मौजूदा लोकेशन के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिल सकी है।

बोली एसएसपी

एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि बैंकों को पूर्व में भी एटीएम की सुरक्षा को लेकर कई बार आगाह किया जा चुका है, लेकिन सीधे आरबीआइ को पत्र भेजा गया है। सरकारी और प्राइवेट दोनों बैंकों के एटीएम में सुरक्षा के प्रबंध पूरे और अनिवार्य रूप से किए जा सकें। नेहरू कॉलोनी में हुई एटीएम कार्ड क्लोनिंग की वारदात को लेकर पुलिस टीमें जांच कर रही हैं।

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