उत्तराखंड : परिवहन विभाग को फीस में ही 50 करोड़ रुपये का नुकसान
कोरोना काल की पहली लहर परिवहन विभाग को काफी भारी पड़ी है। वित्तीय वर्ष 2019-20 और 20-21 में केवल विभिन्न शुल्कों में ही विभाग को 49.14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा टैक्स माफी का नुकसान व नियमों के उल्लंघन पर लगा जुर्माना अलग है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। कोरोना काल की पहली लहर परिवहन विभाग को काफी भारी पड़ी है। वित्तीय वर्ष 2019-20 और 20-21 में केवल विभिन्न शुल्कों में ही विभाग को 49.14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा टैक्स माफी का नुकसान व नियमों के उल्लंघन पर लगा जुर्माना अलग है।
प्रदेश में परिवहन विभाग की आय का जरिया विभिन्न वाहनों से मिलने वाले शुल्कों में रजिस्ट्रेशन शुल्क, फैंसी नंबर लेने को शुल्क, लाइसेंस शुल्क व विभिन्न जुर्मानों पर मिलने वाले शुल्क शामिल हैं। कोरोना काल से पहले के वित्तीय वर्ष यानी वर्ष 2019 में विभाग की स्थिति काफी ठीक थी। इस अवधि में केवल विभिन्न माध्यमों से मिलने वाले शुल्क के रूप में उसे 84.55 करोड़, आनलाइन शुल्क के माध्यम से 25.26 करोड़, फैंसी नंबर के लिए 4.65 करोड़ और लाइसेंस शुल्क के रूप में 28.35 करोड़ रुपये मिले। विभाग को इस वित्तीय वर्ष में कुल 142.81 करोड़ रुपये शुल्क के रूप में मिले।
बीते वर्ष यानी वित्तीय वर्ष 2020-21 में परिवहन विभाग की आय कोरोना के कारण काफी प्रभावित हुई। इस वित्तीय वर्ष में विभाग को विभिन्न मदों में शुल्क के रूप में कुल 39.21 करोड़ रुपये मिले। आनलाइन शुल्क में जरूर विभाग को फायदा हुआ। कोरोना काल में आनलाइन शुल्क के रूप में 30.92 करोड़ रुपये मिले। फैंसी नंबर प्लेट के रूप में विभाग को 4.58 करोड़ रुपये की आय हुई।
हालांकि, कोरोना के कारण आवेदकों ने ड्राइविंग लाइसेंस बनाने से कुछ दूरी दिखाई। इसका असर शुल्क वसूली पर भी नजर आया। विभाग को इससे कुल 18.89 करोड़ की आय हुई। वित्तीय वर्ष 2021-22 में विभाग को कुल 93.67 करोड़ रुपये शुल्क से मिले, जो बीते वर्ष की तुलना में 49.14 करोड़ रुपये कम हैं। उप परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने कहा कि कोरोना के कारण वाहनों की बिक्री कम होने समेत विभिन्न स्रोतों से होने वाली आय प्रभावित हुई है। इस कारण विभाग को राजस्व हानि हुई है।
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