चार धाम यात्रा: सरकार की गाइडलाइन के इंतजार में संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने की उम्मीद भी जग रही है। लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन जारी न होने के कारण परिवहन व्यवसायी असमंजस में हैं।
ऋषिकेश, जेएनएन। लॉकडाउन के बाद अनलॉक-1 में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए तमाम रियायतें दे दी गई हैं। इसके तहत आठ जून से मंदिर समेत तमाम धार्मिक स्थलों को खोलने की भी तैयारी है। जाहिर है चारधाम यात्रा शुरू होने की उम्मीद भी जग रही है। लेकिन, अभी तक सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन जारी न होने के कारण परिवहन व्यवसायी असमंजस में हैं।
चारधाम यात्रा उत्तराखंड में परिवहन व पर्यटन के साथ आर्थिकी की भी रीढ़ है। लेकिन, इस बार विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी का असर यात्रा पर भी पड़ा है। अप्रैल अंतिम सप्ताह में गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू होनी थी। लेकिन, इससे पहले ही देश में लॉकडाउन घोषित हो गया, जिससे करीब सवा दो माह सभी गतिविधियां ठप रही। अब अनलॉक-1 में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए व्यापार समेत अन्य गतिविधियों के संचालन की छूट दे दी गई है। इसी कड़ी में आठ जून से धार्मिक स्थलों को भी पूजा-पाठ व दर्शनों के लिए खोला जाना है। इनमें प्रसिद्ध चारधाम भी शामिल हैं। यहां पूजा-पाठ व दर्शनों के लिए केंद्र की गाइडलाइन का पालन करना होगा। विदित हो कि चारधाम दर्शनों के लिए देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। यात्रा का बड़ा जिम्मा संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति पर रहता है। लेकिन, यात्रा को लेकर कोई गाइडलाइन न होने से परिवहन व्यवसायी कोई निर्णय नहीं ले पा रहे।
आधी क्षमता पर वाहनों के संचालन की है अनुमति
लॉकडाउन में वाहनों के संचालन की अनुमति मिलने के साथ ही यह भी तय किया गया था कि वाहन अपनी क्षमता से आधे यात्रियों को ही ले जाएंगे। यानी 40 सीटर बस में सिर्फ 20 यात्री। इससे हो रहे आर्थिक नुकसान को देखते हुए परिवहन व्यवसायियों ने लोकल रूटों पर वाहनों का संचालन नहीं किया। मगर, चारधाम यात्रा कॉटेक्ट कैरिज (बुकिंग) के आधार पर संचालित होती है। यानी आधी क्षमता पर भी वाहन बुक किए जा सकेंगे।यात्रा को लेकर आने लगा है रुझान
संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के अनुसार चारधाम यात्रा के लिए देश के विभिन्न राज्यों से पूछताछ की जा रही है। मगर, यात्रा को लेकर कोई गाइडलाइन जारी न होने से संयुक्त रोटेशन यात्री और ट्रेवल एजेंटों को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहा। संयुक्त रोटेशन के प्रभारी मन्नू कोठारी ने बताया कि अब तक महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से कई ग्रुप यात्रा के लिए संपर्क कर चुके हैं।
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सुधीर राय (अध्यक्ष, उत्तराखंड परिवहन महासंघ एवं पूर्व अध्यक्ष, संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति, ऋषिकेश) का कहना है कि सरकार को चारधाम यात्रा के लिए शीघ्र गाइडलाइन जारी करनी चाहिए। इसके अलावा जो यात्री आना चाहें, उनके मेडिकल और संक्रमण की जांच की पूर्व नियत व्यवस्था की जाए। ताकि यात्रा में किसी भी तरह की बाधा न पहुंचे। मानसून आने पर यात्रा स्वत: धीमी पड़ जाती है। लिहाजा, इस संबंध में शीघ्र फैसला लेने की जरूरत है।