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रेल यात्रा में असुविधा पर उपभोक्ता फोरम दिलाएगा हक, ऐसे दाखिल करें वाद

कोरोना के चलते करीब दो महीने तक देश भर में यात्री ट्रेनों का संचालन बंद रहा। जिन लोगों ने इससे पहले यात्रा के लिए टिकट बुक कराई थी उनके टिकट कैंसिल कर दिए गए।

By Edited By: Published: Wed, 27 May 2020 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 03:45 PM (IST)
रेल यात्रा में असुविधा पर उपभोक्ता फोरम दिलाएगा हक, ऐसे दाखिल करें वाद
रेल यात्रा में असुविधा पर उपभोक्ता फोरम दिलाएगा हक, ऐसे दाखिल करें वाद

देहरादून, जेएनएन। कोरोना के चलते करीब दो महीने तक देश भर में यात्री ट्रेनों का संचालन बंद रहा। जिन लोगों ने इससे पहले यात्रा के लिए टिकट बुक कराई थी, उनके टिकट कैंसिल कर दिए गए। रेलवे ने कहा था कि सभी को इसका रिफंड मिल जाएगा। जिन लोगों ने काउंटर से टिकट लिया था, उन्हें रेलवे के किसी भी काउंटर से रिफंड लेने की बात कही गई थी। लेकिन इन सब के बाद भी लोगों के रिफंड वापस लेने में पसीने छूट रहे हैं। सैकड़ों लोग ऐसे हैं जिनको अभी तक रिफंड नहीं मिला है। 

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वहीं, स्पेशल ट्रेनों की लेटलतीफी से भी यात्रियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इन सबके बीच उपभोक्ता के सामने सिवाय परेशान होने के और कोई विकल्प नहीं बचा है। इसकी वजह यह भी है कि रेलवे इन दिनों प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने की जद्दोजहद में जुटा है, जिससे टिकट कैंसिल करा चुके लोगों की कहीं सुनवाई नही हो पा रही है, क्योंकि रेलवे स्टेशन पर भी उन्हीं को जाने दिया जा रहा है, जिनके पास यात्रा का टिकट है। ऐसे में यात्री उपभोक्ता फोरम में रेलवे के खिलाफ वाद प्रस्तुत कर सकते हैं। 
ऐसे दाखिल करें वाद 
उपभोक्ता फोरम के मामलों के जानकार अधिवक्ता आलोक घिल्डियाल ने बताया कि रेलवे टिकट का रिफंड न मिलने, कंफर्मेशन के होने के बाद भी सीट न मिलने या फिर यात्रा के दौरान सामान्य सुविधाओं में कमी होने से लेकर अन्य किसी तरह की असुविधा का सामना करने पर उपभोक्ता फोरम में दावा किया जा सकता है। इसके लिए संबंधित को सादे कागज पर पूरा विवरण लिखकर उसके साथ टिकट की छाया प्रति लगानी होती है। इसके लिए आवेदक रेलवे या उसके अधिकारी को पार्टी बना सकता है। 
इसके साथ ही जितने हर्जाने का दावा पेश करना है उसके अनुसार आवेदक को मामूली शुल्क उपभोक्ता फोरम में जमा करना होता है। इसके बाद उपभोक्ता फोरम दावा स्वीकार करता है और संबंधित पक्ष को समन जारी कर फोरम में पेश होने का आदेश देता है। पक्ष के कोर्ट में पेश होने और सुनवाई पूरी होने के बाद आमतौर पर छह महीने में मामले के निस्तारण की संभावना होती है।
उपभोक्ता फोरम है बेहतर विकल्प 
बार एसोसिएशन के सचिव अनिल शर्मा ने कहा कि इन दिनों रेलवे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनसे भी कई लोग इस समस्या को लेकर संपर्क कर रहे हैं। बताया कि टिकट रिफंड कराने समेत अन्य तरह की दिक्कतों का सामना कर चुके लोग भटक रहे हैं। ऐसे में यदि रेलवे उनकी सुनवाई नहीं कर रहा तो वह उपभोक्ता फोरम में दावा दाखिल कर सकते हैं। इससे बेहतर विकल्प दूसरा नहीं हो सकता।
 

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