उत्तराखंड की ट्रैफिक पुलिस हुई हाईटेक, अब एटीएम कार्ड से होगा गाड़ी के चालान का भुगतान
ट्रैफिक पुलिस अब पूरी तरह से हाईटेक हो गई है। शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में ई-चालान की विधिवत शुरूआत कर दी।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड की ट्रैफिक पुलिस अब पूरी तरह से हाईटेक हो गई है। शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में ई-चालान की विधिवत शुरूआत कर दी। अब चालान होने पर मौके पर क्रेडिट या डेबिट कार्ड या फिर ई-वालेट से चालान का मौके पर ही भुगतान किया जा सकेगा। वहीं, बार-बार ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों पर भी शिकंजा कसने में मदद मिलेगी। एक क्लिक पर वाहन का कब, कहां और कितनी बार चालान हुआ है, इसका डाटा पुलिस अधिकारी के सामने होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में हर साल डेढ़ लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। अधिकांश दुर्घटनाएं ट्रैफिक नियमों की अनदेखी से होती हैं। उन्होंने कहा कि चालान करना हादसे रोकने का विकल्प नहीं है, इसके लिए स्वयं यातायात नियमों के प्रति जागरूक होना होगा। ई-चालान का उद्देश्य लोगों को कानून के प्रति सचेत करना है। डीजीपी अनिल के रतूड़ी ने कहा कि ई-चालान उत्तराखंड पुलिस की निष्पक्ष और पारदर्शी कार्यप्रणाली की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। हम आधुनिक संसाधनों का प्रयोग करने की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं और निश्चित रूप से सड़क हादसे रोकने की दिशा में इसके सकारात्मक नतीजे भी देखने को मिलेंगे।
वहीं, पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने सड़क दुर्घटना के कारण होने वाली मानवीय क्षति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि पुलिस और जनसहयोग से ही इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इससे पूर्व यातायात निदेशक केवल खुराना ने ई-चालान की प्रक्रिया और इससे होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि प्रयास हो कि ई-चालान की नौबत न आए। मगर चालान हुआ तो अब वह बिना भागदौड़ के उसका भुगतान कर सकते हैं। डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने समारोह में आए अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
समारोह का संचालन डिप्टी एसपी जया बलूनी ने किया। इस मौके पर धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, कैंट विधायक हरबंस कपूर, एडीजी पीवीके प्रसाद, आइजी पुलिस आधुनिकीकरण अभिनव कुमार, आइजी आइटीडीए अमित सिन्हा, आइजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल, आइजी अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान, आइजी गढ़वाल अजय रौतेला, एसपी सिटी श्वेता चौबे, एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल और अन्य मौजूद रहे।
तीन मिनट में हो जाएगा चालान
अभी तक प्रदेश में ट्रैफिक पुलिस मैन्युअली चालान कर रही थी। जिसके कारण उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। घंटों धूप में खड़े होकर कागजी कार्रवाई करने में समय बर्बाद तो होता ही था। साथ ही कागज और रिकॉर्ड संभालने में भी परेशानी उठानी पड़ती। किस वाहन का कब और कहां इससे पहले चालान हुआ है, इसका भी आसानी से पता नहीं चल पाता था। वहीं, ई-चालान मशीन से तीन मिनट से भी कम समय में चालान हो जाएगा।
ट्रैफिक आई उत्तराखंड एप भी हुआ लांच
मुख्यमंत्री ने ट्रैफिक आई उत्तराखंड एप को भी लांच किया। इस एप के जरिये आम नागरिक भी यातायात नियम तोड़ने वालों की फोटो या वीडियो पुलिस को भेज सकेंगे। इसका सत्यापन करने के बाद पुलिस संबंधित वाहन स्वामी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। इससे पुलिस को उन स्थानों पर यातायात नियमों के उल्लंघन की जानकारी मिल जाएगी, जहां पुलिस पिकेट या पुलिसकर्मी तैनात नहीं होते। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने चार आडियो और चार वीडियो सांग भी लांच किया।
क्या होंगे फायदे
- ट्रैफिक पुलिस का समय बचेगा।
- कागज की बर्बादी पर रोक लगेगी।
- चालान प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी
- रिकॉर्ड अपडेट करने में परेशानी नहीं होगी।
- वाहन चालक का कितनी बार और कहां पूर्व में चालान हुआ है, इसकी जानकारी तुरंत मिल जाएगी।
- लोग कहीं से भी अपना चालान भुगत सकेंगे।
ट्रैफिक पुलिस में जल्द होगी भर्ती
मुख्यमंत्री ने राज्य में बढ़ते वाहनों और ट्रैफिक नियोजन में आ रही दिक्कतों को देखते हुए जल्द ही ट्रैफिक पुलिस में भर्ती करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि करीब बारह सौ पुलिसकर्मियों की भर्ती किए जाने के संबंध में कार्यवाही आरंभ कर दी गई है।
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11 इंटरसेप्टर और आठ क्रेन को दिखाई हरी झंडी
मुख्यमंत्री ने समारोह में ग्यारह इंटरसेप्टर और आठ क्रेनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यातायात निदेशक केवल खुराना ने बताया कि अब हर जिले में इंटरसेप्टर होगी। तेज रफ्तार से वाहन चलाने वालों पर अब आसानी से शिकंजा कसा जाएगा। इससे ऑटोमेटिक चालान होगा और चालान की कॉपी संबंधित वाहन स्वामी को उसके पते पर भेज दी जाएगी। वहीं सड़क हादसों के वक्त वाहनों को सड़क से हटाने या फिर नो-पार्किंग में खड़े वाहनों को हटाने के लिए क्रेन काफी मददगार साबित होगी।
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किस जिले को कितनी ई-चालान मशीन
देहरादून, 250
हरिद्वार, 200
नैनीताल, 125
उधमसिंहनगर, 200
पौड़ी, 50
उत्तरकाशी, 50
टिहरी, 60
चमोली, 50
रुद्रप्रयाग, 30
अल्मोड़ा, 60
बागेश्वर, 30
चंपावत, 35
पिथौरागढ़, 60
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