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देहरादून में घूमने के लिए हैं ये प्रमुख पर्यटक स्थान, जिन्हें आप चाहेंगे देखना

उत्‍तराखंड की राजधानी देहरादून में कई ऐसे पर्यटक स्‍थल हैं जिन्‍हें आप देखना चाहेंगे। इसमें कुछ प्रमुख स्‍थल हैं सहस्रधारा रॉबर्स केव टाइगर फॉल्स टपकेश्वर मंदिर वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) बुद्धा टेम्पल आदि। आइए जानते हैं इनके बारे में।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 24 Dec 2021 06:38 PM (IST)Updated: Fri, 31 Dec 2021 12:15 PM (IST)
देहरादून में घूमने के लिए हैं ये प्रमुख पर्यटक स्थान, जिन्हें आप चाहेंगे देखना
पर्यटकों के लिए बेस्‍ट डेस्टिनेशन है देहरादून।

जागरण संवाददाता, देहरादून। अगर आप घूमने के शौकीन हैं और कुछ नया देखना चाहते हैं तो देहरादून आपके लिए बेस्‍ट डेस्टिनेशन है। यहां शहर की भीड़भाड़ से दूर आपको नदियों का कल-कल बहता पानी, पक्षियों का कलरव, मंत्रमुग्‍ध करते प्रकृति के नजारे, मन को शांति देती मंदिरों में बजती घंटियों की आवाज मिलेेेगी। इतना ही नहीं यहां इतिहास को बताती ब्रिटिशकालीन इमारतें भी हैं। वहीं, जू में एक साथ पशु पक्षियों को भी देख सकते हैं। तो चले आइए देहरादून। आइए आपको बताते हैं कुछ प्रमुख पर्यटक स्‍थालों के बारे में।

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1 सहस्रधारा

सहस्रधारा पर्यटन स्‍थल में से एक है। यह देहरादून से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर राजपुर गांव में स्थित है। सहस्रधारा दो शब्‍दों से मिलकर बना है। इसमें सहस्र का अर्थ होता है हजार और धारा का अर्थ नदी। तो सहस्रधार का मतलब हुआ हजार नदियां। यहां सल्फर वाटर स्प्रिंग्स है, जो त्‍वचा की समस्‍याओं को दूर करता है। यहां चाय नाश्ते का भी इंतज़ाम रहता है।

2 रॉबर्स केव

रॉबर्स केव देहरादून से करीब 18 किमी दूर स्थित है। रॉबर्स केव को गुच्चू पानी के नाम से भी जाना जाता है। यह केव करीब 650 मीटर लंबी है। इसके पीछे रोचक कहानी है। कहते हैं कि अंग्रेजों के समय में डाकू डकैती करके इसी गुफा में छुप जाते थे और अंग्रेज सैनिक उन्‍हें नहीं खोज पाते थे। इस गुफा में से पानी की धाराएं भी निकलती हैं।

3 टाइगर फॉल्स

टाइगर फॉल्स चकराता से करीब 20 किमी की दूरी पर स्थित है। इसका नाम टाइगर फॉल्स इसलिए पड़ा क्‍योंकि इस झरने से बाघ की दहाड़ जैसी आवाज आती है। यहां के नजारे मन को सकून देते हैं।

4 टपकेश्वर मंदिर

टपकेश्‍वर मंदिर देहरादून से करीब सात किमी की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। ऐसी मान्‍यता है कि इसी जगह अश्‍वत्‍थामा ने अपनी मां से दूध पीने के लिए मांगा, लेकिन जब उन्‍हें दूध नहीं मिला तो उन्‍होंने घोर तप किया। इस पर भगवान शिव प्रसन्‍न हो गए और दूध की धारा बहने लगी। दूध शिवलिंग पर टपकने लगा। कलांतर में दूध ने जल का रूप ले लिया।

5 वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ)

एफआरआइ देहरादून में घंटाघर से करीब सात किमी की दूरी स्थित है। यह देश का सबसे बड़ा वन आधारित प्रशिक्षण संस्‍थान है। इसकी स्थापना वर्ष 1906 में की गई थी। पहले इसका नाम 'इपिरियल फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट' था। यहां देखने के लिए ब्रिटिशकालीन इमारत के साथ ही एक संग्रहालय भी है।

6 बुद्धा टेम्पल

बुद्धा टेम्पल देहरादून के क्लेमनटाउन में आइएसबीटी से मात्र चार किमी की दूरी पर स्थित है। इसका निर्माण वर्ष 1965 में शुरू हुआ था। इससे बनने में करीब तीन वर्ष लगे। इसे एशिया का सबसे बड़ा रोलिंग मिन्ड्रोलिंग मोनेस्ट्री (बौद्ध मठ) भी कहते हैं। यहां प्रमुख आकर्षण का केंद्र भगवान बुद्ध की 103 फ़ीट ऊंची मूर्ति है।

7 देहरादून जू (मालसी डियर पार्क)

देहरादून जू मसूरी-देहरादून मार्ग पर स्थित है। यहां आप विभिन्न प्रजाति के पशु-पक्षियों को देख सकते हैं। इसके साथ ही सर्पों के अनूठे संसार को करीब से निहार सकते हैं। यहां आपको पायथन, रस्सल वाइपर, किंग कोबरा, करेत, कॉमन सेंड, कोबरा, वाइन स्नेक, रेटीकुलेटेड पायथन, रैटल स्नेक सहित विभिन्न प्रजातियों के सांप देख सकते हैं।

8 जॉर्ज एवरेस्ट हाउस

मसूरी से करीब छह किलोमीटर की दूरी पर हाथीपांव के समीप जॉर्ज एवरेस्ट हाउस स्थित है। आपको बता दें सर जॉर्ज एवरेस्ट एक प्रसिद्ध भूगोलवेत्‍ता थे। वह भारत के प्रथम महासर्वेक्षक थे। वर्ष 1832 में उन्‍होंने मसूरी स्थित जार्ज एवरेस्‍ट हाउस एवं लेबोरेटरी का निर्माण किया था।

9 गुरु राम राय गुरुद्वारा

देहरादून में गुरु रामराय दरबार महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। सिखों के सातवें गुरू श्री हर राय जी के के ज्येष्ठ पुत्र श्री गुरु राम राय जी ने इसे स्थापित किया था। यहां हर साल झंडे का मेला लगता है।

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