बाघ को लाठियों से पीटकर मारने वाला इनामी पंजाब से दबोचा, पढ़िए पूरी खबर
एसटीएफ ने बाघ को लाठियों से पीटकर मारने वाले इनामी वन्य जीव अंग तस्कर को पंजाब से गिरफ्तार कर लिया है।
देहरादून, जेएनएन। बाघ को लाठियों से पीटकर मारने वाले इनामी वन्य जीव अंग तस्कर को एसटीएफ ने पंजाब से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित मुख्तयार ने जून 2016 में श्यामपुर (हरिद्वार) के जंगलों में पांच बाघों का शिकार किया था। शिकार के बाद रामचंद्र नाम के तस्कर को इन बाघों के खाल और हड्डियों के साथ पकड़ लिया गया। तब उसने बताया था कि इस शिकार के पीछे मुख्तयार का हाथ है, जो जंगल में खटका लगाकर बाघों का शिकार करता है। एसटीएफ तभी से मुख्तयार की तलाश कर रही थी, जिसे रविवार की सुबह मोगा पंजाब से गिरफ्तार किया गया है।
एसटीएफ के इंस्पेक्टर संदीप नेगी ने बताया कि 13 जून 2016 को श्यामपुर से रामचंद्र को बाघों की पांच खालों और सवा क्विंटल टाइगर बोन के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसने बताया कि उसके गैंग में उसके अलावा मुख्तयार, हजारी व एक अन्य शख्स शामिल है। गैंग का सरगना मुख्तयार निवासी भठिंडा है। मुख्तयार ने ही नजीबाबाद के पास जंगल में पांच बाघों का शिकार किया था। शिकार करने और खाल निकालने के बाद मुख्तयार और हजारी फरार हो गए थे। बीते पांच दिसंबर को हजारी को गिरफ्तार किया गया। उसने पूछताछ में बताया कि मुख्तयार इन दिनों पंजाब के मोगा में छिपा हुआ है। मुखबिर तंत्र से पूरी जानकारी एकत्रित करने के बाद मुख्तयार को रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर दस हजार रुपये का इनाम भी घोषित है।
कई गिरोहों के लिए करता था काम
मुख्तयार खटका लगाकर बाघ, तेंदुआ आदि जानवरों का शिकार करने में माहिर है। उसके दुस्साहस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खटके में फंसे बाघ व तेंदुए को वह लाठियों से पीटकर मार डालता था, ताकि उसकी खाल खराब न हो। एसटीएफ के अनुसार मुख्तयार बावरिया समेत जंगली जानवरों के शिकार करने वाले कई अलग-अलग गिरोहों के लिए काम कर चुका है।
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चौकीदारी करने लगा था मुख्तयार
श्यामपुर प्रकरण में नाम आने के बाद मुख्तयार काफी दिनों तक हिमाचल फिर हरियाणा में छिपा रहा। इसके बाद उसने पंजाब का रुख किया। मोगा के बिलासपुर के एक गांव में उसने लोगों की जंगली जानवरों की रखवाली का ठेका ले लिया। इसके लिए छह महीने में उसे एक लाख साठ हजार रुपये मिलते थे। यहां जिन जंगली जानवरों का वह शिकार करता, उनकी खाल और हड्डियों को बेचकर भी मुनाफा कमाता था।
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