उत्तराखंड में नशामुक्ति केंद्रों व स्कूल-कालेज पर नजर रखेगी त्रिस्तरीय टास्क फोर्स, नशा तस्करों पर होगी कार्रवाई
उत्तराखंड में नशा तस्करों पर कार्रवाई के लिए त्रिस्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि प्रदेश स्तर पर अपर पुलिस महानिदेशक व पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) के अधीन एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टास्क फोर्स के नोडल अधिकारी होंगे।
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड में नशा तस्करों पर कार्रवाई के लिए त्रिस्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इनमें प्रदेश स्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स, जिला स्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और थाना स्तर पर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स शामिल हैं।
एडीजी से लेकर थाना प्रभारी तक को सौंपी गई जिम्मेदारी
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि प्रदेश स्तर पर अपर पुलिस महानिदेशक व पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) के अधीन एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टास्क फोर्स के नोडल अधिकारी होंगे। जिला स्तर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के अधीन पुलिस अधीक्षक (अपराध) व पुलिस अधीक्षक (आपरेशन) नोडल अधिकारी होंगे। वहीं, थाना स्तर पर थाना प्रभारी नोडल अधिकारी होंगे।
नशामुक्ति केंद्रों के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के लिए पुलिस विभाग में उपलब्ध कर्मचारियों में से ही चयन किया जाएगा। राज्य स्तर पर गठित एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स राज्य सरकार व एनसीबी की विभिन्न स्तरों पर होने वाली बैठकों में एनडीपीएस अधिनियम से संबंधित आंकड़ों व सूचनाओं सहित प्रतिभाग करेगी। यह टास्क फोर्स जिलों में स्थापित विभिन्न नशामुक्ति केंद्रों के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित कर केंद्रों का नियमित रूप से निरीक्षण और नशा तस्करों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करेगी।
आरोपितों का आपराधिक इतिहास खंगाल सूची बनाएगी फोर्स
यह टास्क फोर्स एनडीपीएस एक्ट से संबंधित अपराधियों और जेल में बंद आरोपितों का आपराधिक इतिहास खंगाल कर उनकी सूची बनाएगी। दूसरी तरफ, जिला स्तर पर गठित टास्क फोर्स शिक्षण संस्थानों को नशे के मकड़जाल से बचाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में गठित एंटी ड्रग सेल के नोडल अधिकारी, एनजीओ, स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित करेगी और पूर्व में प्रकाश में आए अपराधियों व नशा तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखेगी।