Move to Jagran APP

उत्तराखंड: जवानी की दहलीज पर जोश और जुनून का साथ

उत्तराखंड के लिए यह साल उत्साह और उमंग से भरपूर रहा। बात चाहे सुराज की हो, भ्रष्टाचार पर अंकुश की, हर क्षेत्र में यह साल उपलब्धियों वाला कहा जा सकता है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 10:37 AM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 08:46 PM (IST)
उत्तराखंड: जवानी की दहलीज पर जोश और जुनून का साथ

देहरादून, विकास धूलिया। हाल ही में 18 की उम्र पूरी कर जवानी की दहलीज छूने वाले उत्तराखंड के लिए यह साल उत्साह और उमंग से भरपूर रहा। बात चाहे सुराज की हो, भ्रष्टाचार पर अंकुश या फिर पर्यटन और औद्योगिक विकास की, हर क्षेत्र में यह साल उपलब्धियों वाला कहा जा सकता है।

loksabha election banner

अगर यह कहा जाए कि बचपन से कैशौर्य तक तमाम झंझावात झेल चुके उत्तराखंड के लिए आने वाला समय उम्मीद की किरण दिखा रहा है, तो शायद यह गलत नहीं होगा। जून 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद तबाह पर्यटन व्यवसाय इस साल पूरी तरह पटरी पर लौट आया तो राजधानी देहरादून में आयोजित इन्वेटर्स समिट में जिस तरह निवेशकों ने उत्साह दिखाया, उससे सरकार को भी बेहतर और विकसित उत्तराखंड का भरोसा बंधा है। पहली दफा सब कुछ अनुकूल नजर आ रहा है और अब जरूरत है तो केवल दृढ़ इच्छाशक्ति की, जिसके बूते उत्तराखंड विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ सके।

जीरो टॉलरेंस पर बढ़े कदम

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18 मार्च 2017 को उत्तराखंड की सत्ता संभालते ही ऐलान किया था कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगा। इस साल सरकार इस पर कदम आगे बढ़ाती दिखी भी। हरिद्वार-बरेली राष्ट्रीय राजमार्ग 74 चौड़ीकरण मुआवजा घोटाले में दो आइएएस अफसरों पंकज पांडेय व चंद्रेश यादव समेत 10 पीसीएस अफसरों का निलंबन सरकार ने किया। हालांकि इनमें से एक आइएएस चंद्रेश यादव व दो पीसीएस अफसर अब बहाल किए जा चुके हैं। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति घोटाला, शिक्षक भर्ती घोटाला, खाद्यान्न घोटाला, आयुर्वेद विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में धांधली की जांच और कुलसचिव म्त्युंजय मिश्रा का निलंबन कर सरकार ने साफ कर दिया कि भ्रष्टाचार के मामलों में वह कोई रियायत बरतने के मूड में नहीं है।

मुझे देवभूमि ने बुलाया है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से नाता कोई नया नहीं है। एक बार फिर इस साल मोदी का उत्तराखंड के प्रति लगाव जगजाहिर हुआ। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नमो अब तक दस बार उत्तराखंड आ चुके हैं। जून 2013 की आपदा से तबाह केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण को उन्होंने अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बनाया और तीन बार बाबा केदार के दर्शनों को पहुंचे। इस साल विश्व योग दिवस और इनवेस्टर्स समिट के उद्घाटन के बाद नमो दीपावली पर फिर उत्तराखंड पहुंचे। पहले सीमांत पर जवानों संग दीवाली मनाई और इसके बाद केदारधाम के दर्शन किए।

विश्व योग दिवस की मेजबानी

लगभग 32 वर्ष पूर्व एक साधक के रूप में केदारनाथ के निकट गरुड़चटटी से साधना शुरू कर नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद योग को विश्व पटल पर स्थापित किया तो इस वर्ष उत्तराखंड को चौथे विश्व योग दिवस की मेजबानी का मौका देकर गौरवान्वित कर दिया। 21 जून को देहरादून में आयोजित योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम में स्वयं नमो शामिल हुए। वन अनुसंधान संस्थान के परिसर में प्रधानमंत्री ने 50 हजार साधकों के साथ योगाभ्यास किया। देवभूमि को विश्व योग दिवस की मेजबानी का अवसर मिलने से उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिली।

गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा

उत्तराखंड विधानसभा ने मानसून सत्र में गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने का संकल्प पारित कर केंद्र सरकार को भेज दिया। इसके साथ ही गाय को सम्मान देने का संकल्प पारित करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया। विधानसभा में पशुपालन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने कहा कि गोवंश संरक्षण के लिए राज्य में अधिनियम लागू है और गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा मिलने पर इस कानून को भी बल मिलेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गाय व गंगा देवभूमि की पहचान है और इनके संरक्षण के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है।

खेलों के लिए सौगात

खेलों के लिहाज से यह साल उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि वाला रहा। प्रदेश का पहला अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम रायपुर, देहरादून में बनकर तैयार हो गया। इसका शुभारंभ जून में बांग्लादेश व अफगानिस्तान के बीच तीन मैचों की टी-20 श्रृंखला के साथ हुआ। अब फरवरी 2019 में यही स्टेडियम अफगानिस्तान और आयरलैंड के बीच टी-20, एक दिवसीय व टेस्ट श्रृंखला की मेजबानी करेगा। पहली बार बीसीसीआइ के टूर्नामेंट में खेल रही उत्तराखंड की टीम ने रणजी ट्राफी, सीके नायडू ट्राफी व कूच बिहार ट्राफी में शानदार प्रदर्शन किया।

सियासत में फिर भाजपा भारी

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य की पांचों सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद से उत्तराखंड की सियासत में भाजपा का दबदबा कायम है। पिछले साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 70 सदस्यीय विधानसभा में अकेले 57 सीटों पर जीत हासिल की। इस साल थराली के विधायक मगनलाल शाह के निधन से रिक्त हुई विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की। नगर निकाय चुनाव में भी भाजपा का दबदबा रहा। कुल 84 निकायों में चुनाव हुए, जिनमें से भाजपा पांच महापौर पद समेत  34 निकाय प्रमुख पद जीतने में सफल रही।

मानसून रहा मेहरबान

देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तराखंड में इस मर्तबा मानसून सामान्य रहा। मानसून सीजन में जून से सितंबर तक प्रदेश में 1229.2 मिमी बारिश होती है। इस अवधि में इस बार 1194.3 मिमी बारिश हुई। हालांकि, यह सामान्य से तीन फीसद कम है, लेकिन मौसम विभाग में बारिश में 19 फीसद की कमी या अधिकता को सामान्य माना जाता है। इस लिहाज से देखें तो इंद्रदेव मेहरबान रहे। साफ है कि मानसून की फुहारें खेती के साथ ही जलस्रोतों को रीचार्ज करने में अहम रहीं।

उम्मीदें 2019

बॉलीवुड का नया आकर्षण

उत्तराखंड नैसर्गिक सौंदर्य के लिहाज से अप्रतिम है। यह बात दीगर है कि जिस देश में दुनियाभर में सबसे ज्यादा फिल्में बनती हैं, वहां देवभूमि की प्राकृतिक नजारों की ओर फिल्म निर्माताओं का ध्यान ही नहीं गया। वर्ष 2018 इस लिहाज से खासा महत्वपूर्ण साबित हुआ। केवल बॉलीवुड ही नहीं, दक्षिण के फिल्म निर्माता भी अब उत्तराखंड की लुभावनी लोकेशन में रुचि दिखा रहे हैं। फिल्म नीति में किए गए तमाम प्रावधान अब फिल्म निर्माताओं को लुभा रहे हैं। राज्य में 20 से ज्यादा फिल्मों की शूटिंग इस बात की तस्दीक करती है कि पर्यटन के बाद अब फिल्म व टीवी निर्माता-निर्देशकों के लिए उत्तराखंड पसंदीदा डेस्टिनेशन बन रहा है।

उपलब्धि रही इनवेस्टर्स समिट 

राज्य गठन के 18 सालों में पहली बार उत्तराखंड में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी देहरादून में आयोजित इस दो दिवसीय समिट का उद्घाटन किया। समिट में निवेशकों ने सरकार द्वारा तय किए गए 13 सेक्टर के अंतर्गत पर्यटन, ऊर्जा, कृषि, औद्यानिकी व फूड प्रोसेसिंग, स्वास्थ्य, मैन्युफैक्चरिंग में खासी रुचि प्रदर्शित की। समिट में सरकार की उम्मीदों से ज्यादा, लगभग 1.25 लाख करोड़ के निवेश के एमओयू हुए। समिट के दौरान हुए एमओयू ने राज्य की आर्थिक खुशहाली की उम्मीदें परवान चढ़ा दीं।पलायन पर लगेगी रोक

विषम भूगोल वाले उत्तराखंड के गांवों से निरंतर हो रहे पलायन के कारणों की तह तक जाने के उददेश्य से सरकार ने ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग का गठन किया। आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुका है। रिपोर्ट पर गौर करें तो राज्य गठन से अब तक उत्तराखंड में 1702 गांव निर्जन हो चुके हैं। इसके अलावा अन्य गांवों से भी शिक्षा और रोजगार की तलाश में पलायन का सिलसिला बदस्तूर जारी है। हालांकि, अब आयोग ने गांवों का गहन सर्वे कर वहां की परिस्थितियों के अनुसार योजनाएं बनाने का सुझाव देना शुरू कर दिया है।

डबल इंजन की सौगात 

उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार में केंद्र से तमाम सौगातें भी मिली हैं। इनमें सबसे अहम है केदारनाथ का पुनर्निर्माण, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार है। प्रधानमंत्री के एक अन्य डीम प्रोजेक्ट चारधाम को जोड़ने वाली परियोजना आल वेदर रोड भी है, जिसमें कार्य तेजी से चल रहा है। इसके बन जाने पर चारधाम के लिए वर्षभर सड़क खुली रहेगी। महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर भी तेजी से कार्य चल रहा है तो भारतमाला परियोजना में कई सड़कों के कायाकल्प की तैयारी है।

यह भी पढ़ें: सहारे और संघर्ष की दास्तान है एमबीए नेहा की चाय की दुकान, जानिए इनकी कहानी

यह भी पढ़ें: बेटियों की खातिर प्रतिभा ने नाप डाली दिल्ली से दून तक की पैदल दूरी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.