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हरिद्वार पावन धाम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी सहज प्रकाश हुए ब्रह्मलीन, धर्म जगत में छाया शोक

हरिद्वार पावन धाम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी सहज प्रकाश ब्रह्मलीन हो गए। उन्होंने मोगा पंजाब स्थित पावन धाम के मुख्यालय गीता भवन में सुबह अंतिम सांस ली। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष स्वामी चिन्मयानंद ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतिम संस्कार मोगा में ही रविवार दोपहर बाद होगा।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 06:18 PM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 06:18 PM (IST)
हरिद्वार पावन धाम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी सहज प्रकाश हुए ब्रह्मलीन, धर्म जगत में छाया शोक
हरिद्वार पावन धाम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी सहज प्रकाश ब्रह्मलीन हो गए।

हरिद्वार, जेएनएन। हरिद्वार पावन धाम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी सहज प्रकाश ब्रह्मलीन हो गए। उन्होंने मोगा पंजाब स्थित पावन धाम के मुख्यालय गीता भवन में सुबह अंतिम सांस ली। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष और वर्तमान में कार्यकारी अध्यक्ष स्वामी चिन्मयानंद ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वामी सहज प्रकाश का अंतिम संस्कार मोगा में ही रविवार दोपहर बाद किया जाएगा।  

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स्वामी सहज प्रकाश हरिद्वार के प्रसिद्ध पावन धाम के प्ररमाध्यक्ष थे। आश्रम से सटा प्रसिद्ध शीशे वाला मंदिर भी उन्हें के दिशा निर्देशन में कार्य करता था। मंदिर में शीशे के माध्यम से श्री कृष्ण लीला और राम दरबार का सजीव चित्रण किया गया है। स्वामी सहज प्रकाश के निधन से हरिद्वार के धर्म जगत में शोक छा गया है। मृदुभाषी ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश आम जन सेवा के कार्यों से जुड़े रहते थे और आम जनता के सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। स्वामी सहज प्रकाश ने सितंबर और अक्टूबर में हरिद्वार की यात्रा की थी। आमतौर पर वह मोगा स्थित पावन धाम मुख्यालय भवन गीता कुटीर में ही निवास करते थे। अक्टूबर में हरिद्वार से वापस जाने के उन्हें कोरोना संक्रमण हो गया था। काफी इलाज कराने के बावजूद वह स्वस्थ नहीं हो सके और शनिवार देर रात उन्होंने देह त्याग दी। 

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 ट्रस्ट की संपत्ति पर कब्जे को लेकर रार शुरू

महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर और हरिद्वार स्थित पावन धाम के परमाध्यक्ष स्वामी सहज प्रकाश के ब्रह्मलीन होने पर पावन धाम ट्रस्ट की संपत्ति पर कब्जे को लेकर रार शुरू हो गई है। आरोप है कि स्वामी सहज प्रकाश के ब्रह्मलीन होने से तीन दिन पूर्व महामंडलेश्वर कमल पुरी ने ट्रस्ट की जानकारी के बगैर खुद को उनका उत्तराधिकारी घोषित करा लिया था। इसकी जानकारी होने पर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष और फिलवक्त ट्रस्ट के अध्यक्ष का काम देख रहे स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने उनके इस दावे को खारिज कर दिया है। साथ ही आरोप लगाया है कि महामंडलेश्वर कमलपुरी ने अपनी दो शिष्याओं के साथ मिलकर करीब 5 करोड़ रुपए की नगदी को गायब कर दिया है। 

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