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ऊर्जा के तीनों निगमों में हड़ताल से सरकार को 40 करोड़ से अधिक का नुकसान

ऊर्जा के तीनों निगमों में हड़ताल ने एक ही दिन में सरकार को 40 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगा दी। विद्युत उत्पादन ठप होने और वितरण प्रभावित रहने से सरकार व उपभोक्ता दोनों ही हलकान रहे। विभिन्न मांगों को कार्मिक हड़ताल पर चले गए थे।

By Sumit KumarEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 10:55 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 11:02 PM (IST)
ऊर्जा के तीनों निगमों में हड़ताल से सरकार को 40 करोड़ से अधिक का नुकसान
ऊर्जा के तीनों निगमों में हड़ताल ने सरकार को 40 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगा दी।

जागरण संवाददाता, देहरादून: ऊर्जा के तीनों निगमों में हड़ताल ने एक ही दिन में सरकार को 40 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगा दी। विद्युत उत्पादन ठप होने और वितरण प्रभावित रहने से सरकार व उपभोक्ता दोनों ही हलकान रहे।  विभिन्न मांगों को लेकर यूपीसीएल, यूजेवीएनएल व पिटकुल के कार्मिक सोमवार को मध्य रात्रि से हड़ताल पर चले गए थे। इससे जल विद्युत परियोजनाओं के साथ ही पारेषण और विद्युत वितरण से जुड़े दफ्तरों में कार्य बंद हो गया।

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इससे विद्युत उत्पादन तो पूरी तरह ठप रहा, शहरों में विद्युत वितरण भी प्रभावित हुआ। उत्पादन ठप होने से सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अन्य राज्यों से आपातकाल में बिजली की खरीद करनी पड़ी। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने करीब 15 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी। हालांकि, फीडर में कार्य ठप होने के कारण यह बिजली वितरित नहीं की जा सकी। दूसरी तरफ, उत्तराखंड जल विद्युत निगम की सभी परियोजनाओं में कार्य ठप रहने से करीब 15 करोड़ रुपये का घाटा होने का अनुमान है। दैनिक विद्युत वितरण के कार्य प्रभावित होने से प्रदेश को 10 करोड़ का नुकसान होने की बात कही जा रही है।

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सरकार के वैकल्पिक व्यवस्था के दावे की निकली हवा

प्रदेश में तीनों ऊर्जा निगमों के 90 फीसद कार्मिक हड़ताल पर रहे। हालांकि, राज्य सरकार ने हड़ताल के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था करने का दावा किया था। इसके लिए तीनों ऊर्जा निगमों के उच्चाधिकारी सोमवार से ही भाग-दौड़ में जुटे थे। मगर, कार्मिकों के हड़ताल पर जाने के बाद मंगलवार को बिजली उत्पादन से लेकर वितरण तक व्यवस्था पटरी से उतर गई। तमाम स्थानों पर ट्रिपिंग और फाल्ट आने के साथ ही सब स्टेशन व फीडर से आपूर्ति बाधित रही। सुबह से शाम तक लोग बिजली को लेकरपरेशान होते रहे।

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