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Coronavirus: कोरोना के संभावित खतरे को भांपते हुए गांधी अस्पताल में बनेगा दस बेड का आइसीयू

अस्पतालों में आइसीयू बढ़ाने के साथ ही नए स्टाफ की भी नियुक्ति की जा रही है। इन तमाम कार्यों के लिए स्वास्थ्य विभाग को शासन से 60 करोड़ रुपये का बजट भी प्राप्त हो गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 06:37 PM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 06:37 PM (IST)
Coronavirus: कोरोना के संभावित खतरे को भांपते हुए गांधी अस्पताल में बनेगा दस बेड का आइसीयू
Coronavirus: कोरोना के संभावित खतरे को भांपते हुए गांधी अस्पताल में बनेगा दस बेड का आइसीयू

देहरादून, जेएनएन। कोरोना के संभावित खतरे को भांपते हुए स्वास्थ्य महकमे ने युद्धस्तर पर अपनी तैयारियों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। सूबे के अस्पतालों में आइसीयू बढ़ाने के साथ ही नए स्टाफ की भी नियुक्ति की जा रही है। इन तमाम कार्यों के लिए स्वास्थ्य विभाग को शासन से 60 करोड़ रुपये का बजट भी प्राप्त हो गया है।

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स्वास्थ्य महानिदेशालय सभागार में पत्रकारों से बातचीत में अपर सचिव एवं एनएचएम के मिशन निदेशक युगल किशोर पंत ने यह जानकारी दी। बताया कि दून मेडिकल कॉलेज में जहां आइसीयू को अपग्रेड किया जा रहा है, वहीं गांधी शताब्दी अस्पताल में दस बेड के आइसीयू की स्थापना की जा रही है। इन पर एकाध दिन में काम भी शुरू हो जाएगा। साथ ही अस्पतालों में अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती कर दी गई है। नए स्टाफ को कोरोना के लिहाज से क्या सावधानियां बरतनी हैं, इस बारे में भी बताया जा रहा है। बताया कि पूरे प्रदेश में 800 बेड क्वारंटाइन के लिए रखे गए हैं। जबकि सरकारी एवं निजी अस्पतालों में मिलाकर सरकार के पास 250 आइसीयू बेड वर्तमान में उपलब्ध हैं। कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए प्रदेशभर में नए आइसीयू की स्थापना की जा रही है। 

तीन और अस्पतालों में जांच की तैयारी

कोरोना संभावित खतरे को भांपते हुए स्वास्थ्य विभाग अब जांच आदि की सुविधा भी बढ़ाने पर विचार कर रहा है। इसी क्रम में जनपद के तीन और अस्पतालों में कोरोना की जांच का प्रस्ताव है। जिस पर जल्द मुहर लगने की उम्मीद है।

दरअसल, अभी तक प्रदेश में केवल हल्द्वानी स्थित मेडिकल कॉलेज में ही कोरोना की जांच की सुविधा उपलब्ध है। जबकि दून मेडिकल कॉलेज एवं एम्स ऋषिकेश में सैंपल कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है। ऐसे में भविष्य के संभावित खतरे को देखते हुए विभाग ने तीन और अस्पतालों दून मेडिकल कॉलेज, एम्स ऋषिकेश व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की लैब में जांच का प्रस्ताव तैयार किया है।

एसएमआइ ने मांगी है अनुमति

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल प्रबंधन के चेयरमैन महंत देवेंद्र दास ने केंद्र व राज्य सरकार से मांग की है कि कोरोना की जांच क्षमता बढ़ाने के लिए मान्यता प्राप्त निजी लैब को अनुमति प्रदान करें। उन्होंने कहा कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की मॉलीक्यूलर लैब में वर्तमान में कई अति संवेदनशील जांचों सहित स्वाइन फ्लू के सैंपलों की जांच भी हो रही है। कोरोना वायरस की जांच के लिए आवश्यक मशीनरी व संसाधन जुटाए जाएंगे। यदि कोरोना सैंपल की जांच लैब देहरादून में खुल जाएगी, तो देहरादून व आसपास के राज्यों के मरीजों को भी इससे मदद मिलेगी।

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छुट्टियों पर अगले आदेशों तक रोक

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में अगले आदेशों तक अस्पताल के सभी डाक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य सहायक स्टाफ की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है। श्री महंत देवेंद्र दास ने अपील में कहा कि कोरोना के प्रति सभी लोग सजगता व सावधानी अपनाएं।

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