टेलीमेडिसिन से होगा दूर-दराज के मरीजों का बेहतर उपचार, विशेषज्ञ चिकित्सकों को दी गई संबंधित साफ्टवेयर की जानकारी
शनिवार को मेडिकल कालेज में विशेषज्ञों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें साफ्टवेयर कंपनी धनुष इंफो प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने चिकित्सकों को टेलीमेडिसिन से संबंधित साफ्टवेयर के बारे में जानकारी दी। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने कहा किदूर-दराज के क्षेत्र के मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून : दून समेत चार जिलों की 100 पीएचसी/सीएचसी के मरीज अब दून मेडिकल कालेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श ले पाएंगे। इसके लिए मेडिकल कालेज प्रशासन ने तैयारी शुरू कर ली है। टेलीमेडिसिन कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन व उत्तराखंड हेल्थ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के संयुक्त तत्वावधान में संचालित किया जाएगा।
इस संबंध में शनिवार को मेडिकल कालेज में विशेषज्ञों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें साफ्टवेयर कंपनी धनुष इंफो प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने चिकित्सकों को टेलीमेडिसिन से संबंधित साफ्टवेयर के बारे में जानकारी दी। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने कहा कि टेलीमेडिसिन सुविधा शुरू होने से दूर-दराज के क्षेत्र के मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा। दून मेडिकल कालेज के टेलीमेडिसिन सेंटर से देहरादून, हरिद्वार, टिहरी व उत्तरकाशी की 100 सीएचसी व पीएचसी जुड़ेंगे।
विशेषज्ञ चिकित्सक इन सीएचसी व पीएचसी में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री देखकर उपचार देंगे। टेली मेडिसिन से मरीजों का रेफरल लोड भी कम होगा। उन्हें प्राथमिक स्तर पर ही उपचार मिल जाएगा।
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चिकित्सा अधीक्षक डा. केसी पंत ने ई-संजीवनी ओपीडी के अनुभव के बारे में जानकारी दी। कहा कि कोरोनाकाल में मरीजों के लिए यह सेवा वरदान साबित हुई है।1700 से अधिक मरीजों ने ई-संजीवनी के जरिए उनसे परामर्श लिया। साफ्टवेयर कंपनी के स्टेट टीम लीडर गुरदीप बिरला ने टेलीमेडिसिन सेवा का डेमो दिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 22 विशेषज्ञ चिकित्सकों ने हिस्सा लिया।
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