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विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को लेकर अब आर या पार

प्रदेश के 16,800 शिक्षक केंद्र के नए मानकों के अनुसार अप्रशिक्षित शिक्षक की श्रेणी में आ चुके हैं। ऐसे में प्राथमिक शिक्षक संघ इस मुद्दे को लेकर नई रणनीति पर विचार कर रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 05:49 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 05:49 PM (IST)
विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को लेकर अब आर या पार
विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को लेकर अब आर या पार

देहरादून, [जेएनएन]: केंद्र सरकार के मानकों की वजह से अप्रशिक्षित श्रेणी में आ चुके विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की समस्या अभी तक हल नहीं हुई है। प्रदेश के 16,800 शिक्षक केंद्र के नए मानकों के अनुसार अप्रशिक्षित शिक्षक की श्रेणी में आ चुके हैं। 31 मार्च 2019 के बाद वह सेवा के लिए पात्र नहीं रह जाएंगे। ऐसे में प्राथमिक शिक्षक संघ इस मुद्दे को लेकर नई रणनीति पर विचार कर रहा है। मामला जल्द न सुलझने पर कोर्ट का रुख करने की बात कही। 

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बुधवार को उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ की नवगठित प्रांतीय कार्यसमिति के पदाधिकारियों की पहली संयुक्त बैठक हुई। इस दौरान प्रांतीय कार्यकारिणी का विस्तार भी किया गया। रेसकोर्स स्थित पदम सिंह प्राथमिक शिक्षक संघ भवन में नवगठित कार्यकारिणी का परिचय और शपथ ग्रहण कार्यक्रम हुआ। इसके बाद संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान ने विशिष्ट बीटीसी प्रकरण को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह मामला राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी के सम्मुख रखा गया है। उन्होंने जल्द इसके निस्तारण का भरोसा दिया है। इसके साथ ही भविष्य की रणनीति तैयार कर शिक्षकों की समस्याओं को दमदार तरीके से उठाने का निर्णय लिया गया। इस दौरान प्रांतीय महामंत्री नंदन सिंह रावत, कोषाध्यक्ष जनक सिंह राणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद कुमार उनियाल, उपाध्यक्ष बीना भंडारी, लक्ष्मीकांत बड़थ्वाल, आभा गौड़, रामचंद्र शर्मा, संयुक्त महामंत्री प्रदीप पांडे आदि उपस्थित रहे। 

जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों ने तानी मुट्ठियां

उत्तराखंड जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने सहायक अध्यापकों की पदोन्नति की मांग की है। सर्व शिक्षा अभियान में कार्यरत शिक्षकों को सातवें वेतनमान के एरियर का जल्द भुगतान करने की मांग भी उन्होंने की। 

बुधवार को संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह पुंडीर के नेतृत्व में जिला शिक्षाधिकारी बेसिक हेमलता भट्ट से मिला। शिक्षकों से जुड़ी विभिन्न समस्याएं उनके सम्मुख रखी गईं। पुंडीर ने कहा कि सर्व शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों को सातवें वेतनमान के एरियर का शीघ्र भुगतान किया जाए। इन शिक्षकों के जीपीएफ को ट्रेजरी में शीघ्र फीड किया जाए। जूनियर सहायक अध्यापकों की पदोन्नति जूनियर प्रधानाध्यापक पद पर की जाए। इसके अलावा दीपावली से पूर्व बोनस का भुगतान किया जाए। इस दौरान जिला शिक्षाधिकारी ने सभी बिंदुओं पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में जिला मंत्री सूरज मंद्रवाल, जिला उपाध्यक्ष जुगल सिंह, विपिन मेहता, सतीश घिल्डियाल आदि शामिल थे।

सिंचाई महासंघ की बैठक में उठा आवासों का मुद्दा

सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ की बैठक में सरकार व शासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया गया। इसके साथ ही सिंचाई विभाग के आवासों के आवंटन व परिसंपत्तियों पर कब्जे समेत 30 बिंदुओं का मांग पत्र प्रमुख सचिव सिंचाई को भेजा।

बुधवार को बैठक में महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश रमोला ने कहा कि सिंचाई विभाग के आवासों का आवंटन नियमों के विपरीत बाहरी लोगों को दिया गया है। आवासों के आवंटन के लिए प्रदेशभर में एक समान व्यवस्था अपनाई जानी चाहिए। इसके साथ ही देहरादून समेत अन्य जगहों पर आवास जर्जर हालत में आ गए हैं। इनकी मरम्मत शीघ्र की जानी चाहिए। विभागीय पुनर्गठन वर्ष 2016 में होने के बाद कई कार्यालय ऐसे हैं, जो दुर्गम क्षेत्रों में हैं और वहां कार्मिकों के बैठने तक को उचित इंतजाम नहीं है। इस दिशा में भी ध्यान देने की जरूरत है। कार्यालयों को संसाधन संपन्न बनाने के साथ ही आवासों का निर्माण भी किया जाना जरूरी है। इसके अलावा बैठक में निष्प्रयोज्य सामग्री के भंडारों का निस्तारण कर उससे राजस्व अर्जित करने पर भी चर्चा की गई। वहीं, एक स्वर में कहा गया कि महासंघ की सभी लंबित मांगों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। बैठक में महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल आदि उपस्थित रहे।

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