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उत्‍तराखंड के हजारों शिक्षकों को वेतन वसूली संकट से मिली राहत, पढ़िए पूरी खबर

वित्त विभाग ने दो अलग-अलग स्पष्टीकरण आदेश जारी कर शिक्षकों पर ज्यादा वेतन की वसूली की लटकी तलवार हटा ली है। इससे वित्त अधिकारियों पर कार्रवाई का खतरा टल गया है।

By Edited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 08:27 PM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 03:13 PM (IST)
उत्‍तराखंड के हजारों शिक्षकों को वेतन वसूली संकट से मिली राहत, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के हजारों शिक्षकों और शिक्षा महकमे के लिए राहतभरी खबर। वित्त विभाग ने दो अलग-अलग स्पष्टीकरण आदेश जारी कर शिक्षकों पर ज्यादा वेतन की वसूली की लटकी तलवार हटा ली है। इससे जिलों के वित्त अधिकारियों पर कार्रवाई का खतरा टल गया है। वित्त ने साफ किया है कि एक जनवरी, 2006 के बाद सीधे भर्ती अथवा पदोन्नत हुए शिक्षकों व कार्मिकों का वेतन ग्रेड वेतन के सापेक्ष देय न्यूनतम वेतन से कम नहीं होगा। उन्हें पदोन्नति की तारीख से काल्पनिक आधार पर न्यूनतम वेतन दिया जाएगा। वहीं एक जनवरी, 2006 से छठे केंद्रीय वेतन का लाभ लेने वाले शिक्षकों को उक्त वर्ष में जनवरी और जुलाई माह वेतनवृद्धि देय होगी।

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दरअसल, राजकीय और सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में एक जनवरी, 2006 को छठा वेतनमान लेने वाले शिक्षकों को इसी माह और फिर छह माह बाद जुलाई में वेतनवृद्धि दिए जाने को शिक्षा महकमे में तैनात वित्त नियंत्रक ने नियमविरुद्ध माना था। इसके चलते शिक्षकों से करीब दस वर्ष की अवधि में वेतनवृद्धि की वसूली के विभागीय आदेश जारी किए गए थे, साथ ही इस मामले में संबंधित वित्त व विभागीय अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई थी। राजकीय शिक्षक संघ ने इसका पुरजोर विरोध किया। इसके बाद वित्त नियंत्रक की ओर से उक्त दोनों ही मामलों में वित्त से मार्गदर्शन मांगा गया था। उक्त प्रकरण पर वित्त सचिव अमित नेगी ने स्पष्टीकरण आदेश जारी कर स्थिति साफ कर दी। शिक्षकों को दी गई वेतनवृद्धि वित्त ने सही ठहराई है। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री सोहन सिंह माजिला ने कहा कि उक्त आदेश से शिक्षकों की समस्या का समाधान हो गया है। 

वहीं अन्य स्पष्टीकरण आदेश में वित्त सचिव ने पदोन्नत कार्मिकों या शिक्षकों को पदोन्नत ग्रेड पे के सिर्फ अंतर के आधार पर ही वेतन निर्धारित किए जाने को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए हैं। आदेश के मुताबिक पदोन्नत कार्मिक अथवा शिक्षक का वेतन ग्रेड पे के अंतर से तय नहीं होगा। पदोन्नत कार्मिक या शिक्षक फिटमेंट तालिका में जिस स्थान पर होगा, उसके मुताबिक नया वेतन निर्धारित किया जाएगा। इससे पदोन्नत होने वाले वरिष्ठ कार्मिक या शिक्षक का वेतनमान सीधी भर्ती से नियुक्त की तुलना में कम होने का खतरा दूर हो गया है। साथ ही इस तरह की विसंगति के चलते कार्मिकों व शिक्षकों को पेश आ रही बड़ी दिक्कत दूर हो गई है। गौरतलब है कि इससे पहले बीती 18 जुलाई को वित्त ने स्पष्टीकरण आदेश जारी कर चयन और प्रोन्नत वेतनमान में कार्यरत शिक्षकों को समान ग्रेड वेतन में पदोन्नति की तारीख को एक वेतन वृद्धि का लाभ दिए जाने को सही ठहराते हुए शिक्षकों को राहत दी थी। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अरुण पांडे ने कहा कि उक्त स्पष्टीकरण आदेश से शिक्षकों व कर्मचारियों की बड़ी परेशानी दूर हो गई। 

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