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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बोलीं, कुपोषण दूर करने को समन्वय से करें कार्य

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ सीएम आवास में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 12:43 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 08:39 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बोलीं, कुपोषण दूर करने को समन्वय से करें कार्य
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बोलीं, कुपोषण दूर करने को समन्वय से करें कार्य

देहरादून, जेएनएन। केंद्रीय महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने कुपोषण को दूर करने के लिए महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य महकमे से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने को कहा है। उन्होंने कहा कि अतिकुपोषित और कुपोषित बच्चों को उचित पुष्टाहार दिया जाए, ताकि वे सामान्य श्रेणी में आ सकें। उन्होंने एनीमिया को रोकने के लिए टी-3 रणनीति पर भी विशेष फोकस रखने पर जोर दिया।

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मंगलवार को महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ मुख्यमंत्री आवास में पोषण अभियान के साथ ही केंद्रीय पोषित योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने पोषण योजना के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल व शौचालय की व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पौष्टिक आहार के लिए एक कैलेंडर बनाया जाए और इसे जनप्रतिनिधियों के साथ साझा किया जाए। उन्होंने दो बच्चों के पैदा होने के बीच उचित समय का अंतर रखने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत राज्य व जिला स्तर पर बैठकें करने के को कहा। साथ ही चंपावत व चमोली जिलों में कम लिंगानुपात के कारणों का पता लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

बैठक की जानकारी देते हुए राज्य की महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि बैठक में वन स्टाप सेंटर पर भी चर्चा की गई। बताया गया कि चार वन स्टाप सेंटर बनाए जा चुके हैं और शेष पर भी 15 अगस्त से कार्य शुरू कर दिया जाएगा। वन स्टाप सेंटर के तहत सरकारी व निजी क्षेत्र में महिलाओं के उत्पीडऩ संबंधी शिकायतों पर उचित कदम उठाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए 21 माड्यूल तय किए गए हैं, जिनमें से प्रदेश में छह पूरे हो चुके हैं और शेष में प्रशिक्षण कार्यक्रम आगे बढ़ाया जा रहा है। अनाथ बच्चों को स्पांसर स्कीम के तहत लाभार्थियों को अधिक लाभ देने के लिए न्यूनतम आय की तय सीमा 24 हजार सालाना को बढ़ाकर 72 हजार करने का अनुरोध किया गया है। इसके अलावा स्वधार गृह योजना के तहत मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं को भी पात्रता के लिए शामिल करने का अनुरोध किया गया। बैठक में केंद्रीय अपर सचिव एके सिंह के अलावा सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास सौजन्या व निदेशक झरना कमठान भी मौजूद थीं। 

मुख्यमंत्री चंपावत का करेंगे भ्रमण

प्रदेश में सबसे कम लिंगानुपात वाले जिले चंपावत में विभागीय अधिकारियों के अलावा स्वयं मुख्यमंत्री भी लोगों को जागरूक करेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि चंपावत में लिंगानुपात में कुछ कमी आई है। इसे दूर किया जाएगा। इसके लिए वह स्वयं भी लोगों से इस फासले को कम करने की अपील करेंगे।

विभाग तैयार कर रहा ट्रेकिंग सिस्टम

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का डाटा ऑनलाइन करने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत एक ऐसा ट्रेकिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसमें आंगनबाड़ी केंद्रों तक आने वाली सभी गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ ही पैदा होने वाले बच्चों का पूरा रिकार्ड रहेगा। इससे एक क्लिक के जरिये जन्म लिंगानुपात की भी जानकारी मिल सकेगी। 

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