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शिक्षा विभाग की सख्ती के बावजूद नहीं माने शिक्षक, आंदोलन जारी

अपनी मांगों को लेकर शिक्षकों की हड़ताल अभी भी जारी है। शिक्षा विभाग की सख्ती के बाद भी उन्होंने अपने कदम पीछे नहीं खींचे है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 01 Aug 2018 05:53 PM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2018 05:53 PM (IST)
शिक्षा विभाग की सख्ती के बावजूद नहीं माने शिक्षक, आंदोलन जारी

देहरादून, [जेएनएन]: शिक्षा विभाग की सख्ती के बावजूद राजकीय शिक्षक आंदोलन पर अडिग हैं। ननूरखेडा स्थित शिक्षा निदेशालय में दूसरे दिन भी आमरण अनशन जारी रहा। शिक्षा मंत्री ने मुख्य शिक्षाधिकारियों को तालाबंदी करने वाले शिक्षकों के चिह्नीकरण के आदेश दिए हैं। साथ ही छुट्टी पर गए शिक्षकों के बारे में भी जानकारी जुटाने को कहा है। हालांकि, राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष केके डिमरी का कहना है कि मांगों के संबंध में कोई ठोस फैसला होने तक आंदोलन जारी रहेगा। 

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दरअसल, प्रदेशभर के शिक्षक संघ 18 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले ग्यारह दिन से आंदोलन पर हैं। प्रथम चरण में उन्होंने ननूरखेडा स्थित शिक्षा निदेशालय पर क्रमिक अनशन और धरना प्रदर्शन किया। मंगलवार को शिक्षा निदेशालय व मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालयों पर तालाबंदी की। साथ ही आमरण अनशन शुरू कर दिया। 

दो अगस्त को सरकार जवाब करे दाखिल 

वहीं, हाई कोर्ट ने प्रदेश में अध्यापकों की अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायधीश केएम जोसफ व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने सरकार से पूछा है कि शिक्षक संघ हड़ताल पर है या नहीं, इसकी स्थिति दो अगस्त तक साफ की जाए। सुनवाई के दौरान शिक्षक संघ ने खंडपीठ को अवगत कराया कि वे हड़ताल पर नहीं है।  

आपको बता दें कि बकेनिया सुभाष नगर ऊधम सिंह नगर निवासी अजय कुमार तिवारी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों का अभाव पहले से ही है। फिर भी सभी अध्यापक हड़ताल पर जा रहे हैं, जिससे गरीबों के बच्चों का भविष्य अधर में है। याचिकाकर्ता का यह कहना भी है इन हड़ताली अध्यापकों के खिलाफ एस्मा लगाया जाया।

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