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Coronavirus: सर्जिकल मास्क में नहीं भारतीय मानक ब्यूरो की गारंटी, पढ़िए पूरी खबर

उत्तराखंड में जो भी कंपनी सर्जिकल मास्क बना रही है उनके पास भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) का लाइसेंस नहीं है।

By Edited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 02:59 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 08:16 AM (IST)
Coronavirus: सर्जिकल मास्क में नहीं भारतीय मानक ब्यूरो की गारंटी, पढ़िए पूरी खबर
Coronavirus: सर्जिकल मास्क में नहीं भारतीय मानक ब्यूरो की गारंटी, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, अशोक केडियाल। कोरोना संक्रमणकाल में मास्क पहनने की अनिवार्यता है। यही नहीं, मास्क न पहनने पर पांच हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान भी किया गया है। ऐसे में लोग मास्क तो पहन रहे हैं, लेकिन ये मास्क कोरोना वायरस को रोकने में कारगर हैं कि नहीं इसके बारे में असमंजस बना हुआ है। हैरत की बात ये है कि उत्तराखंड में जो भी कंपनी सर्जिकल मास्क बना रही है, उनके पास भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) का लाइसेंस नहीं है। ऐसे में इनकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि इसके पीछे का कारण सजिर्कल मास्क में लाइसेंस की अनिवार्यता न होना भी है। 

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भारतीय मानक ब्यूरो उत्तराखंड के कार्यालय प्रमुख सुधीर बिश्नोई का कहना है कि लाइसेंस न होने के चलते इन मास्क पर आइएसआइ का चिह्न भी नहीं होता है। ट्रिपल लेयर के नाम पर कपड़े की तीन लेयर जरूर होती हैं, मगर सूक्ष्म कणों को रोकने की इनमें क्षमता नहीं होती है। मान लीजिए किसी व्यक्ति ने आपके सामने छींक दिया तो ट्रिपल लेयर वाले वास्तविक मास्क ही उससे आपको बचा सकता है। लिहाजा, यदि किसी मास्क में आइएसआइ का चिह्न नहीं है तो उसे छूकर उसके बीच फिल्टर युक्त कपड़े की पहचान आसानी से की जा सकती है। हालांकि, मास्क तैयार कर रही कुछ कंपनियां गुणवत्ता का दावा जरूर कर रही हैं। 
क्लिफ क्लिंबर मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के संचालक अमित आनंद का कहना है कि सर्जिकल मास्क में मेल्ट ब्लाउन फैब्रिक लगा होना चाहिए। उन्होंने अपनी कंपनी में बनाये जा रहे मास्क की गुणवत्ता के बारे में बताते हुए कहा कि वह मेल्ट ब्लाउन फैब्रिक का प्रयोग कर रहे हैं। उनके उत्पाद को केंद्र सरकार की ओर से अधिकृत सिट्रा लैबोरेटरी से 98 फीसद प्रभाव के साथ पास किया गया है। कंपनियों से की लाइसेंस लेने की अपील बीआइएस के कार्यालय प्रमुख सुधीर बिश्नोई ने बताया कि उन्होंने सेलाकुई में मास्क बनाने वाली कुछ कंपनियों से बात कर लाइसेंस लेने की अपील की है। एक कंपनी ने हामी भरते हुए कहा कि उनकी टेस्टिंग संबंधी मशीन आने वाली है। 
इसके तुरंत बाद वह लाइसेंस के लिए आवेदन कर देंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि बाकी कंपनियां भी जल्द लाइसेंस ले सकती हैं। प्रदेश में पहली बार बनेगा एन-95 मास्क बिश्नोई ने बताया कि एन-95 मास्क के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता है। अभी तक उत्तराखंड में कोई भी इकाई इस मास्क का उत्पादन नहीं कर रहीं, मगर उधमसिंहनगर की स्टील-बर्ड इंटरनेशनल कंपनी ने उनके यहां एन-95 मास्क बनाने के लिए लाइसेंस का आवेदन किया है। ब्यूरो स्तर पर जल्द इकाई का निरीक्षण कर लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा।

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