जिला पंचायत अध्यक्ष चुनावः चार जिलों के 50 क्षेत्र और जिला पंचायत सदस्य गायब
उत्तराखंड के चार जिलों के आठ विकासखंडों से 50 क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य गायब हो गए हैं। खरीद-फरोख्त के मद्देनजर इनके अपहरण की आशंका जताई जा रही है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड के चार जिलों के आठ विकासखंडों से 50 क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य गायब हो गए हैं। खरीद-फरोख्त के मद्देनजर इनके अपहरण की आशंका जताई जा रही है। इस बारे में मिली सूचना के बाद आयोग ने नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़ व पौड़ी के डीएम और एसएसपी को गायब बताए जा रहे निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को तलाश कर सत्यता का पता लगाने को कहा है। साथ ही अपहरण की बात सामने आने पर एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए हैं।
हरिद्वार को छोड़ राज्य के 12 जिलों में जिला पंचायतों में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष और क्षेत्र पंचायतों में प्रमुख, ज्येष्ठ व कनिष्ठ उपप्रमुखों के चुनाव अगले माह के पहले हफ्ते में संभावित हैं। इन पदों के चुनाव में जिला पंचायत में जिपं सदस्य और क्षेत्र पंचायतों में क्षेपं सदस्य भाग लेते हैं, जिनका हाल में ही निर्वाचन हुआ है।
एकल संक्रमणीय पद्धति से वरीयता क्रम में होने वाले इन चुनावों में सदस्यों के खरीद-फरोख्त की शिकायतें पूर्व में आती रही हैं। इस सबको देखते हुए हाईकोर्ट ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और क्षेत्र पंचायतों में प्रमुखों के चुनाव में सदस्यों की खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगाने को प्रभावी कदम उठाने के आदेश दिए थे।
इस कड़ी में राज्य निर्वाचन आयोग ने भी पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद सभी जिलों के डीएम व एसएसपी को हाईकोर्ट के आदेशानुसार 34 बिंदुओं पर गाइडलाइन जारी की थी। यही नहीं, आयोग ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराने को आयोग में शिकायत प्रकोष्ठ भी गठित किया है।
अब नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़ और पौड़ी जिलों के आठ विकासखंडों से 50 क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्यों के कथित तौर पर गायब होने की सूचना आयोग को मिली है। इन सदस्यों के मोबाइल फोन स्विच आफ होने और इनके क्षेत्र में नजर न आने की मीडिया में आई सूचनाओं का संज्ञान लेते हुए आयोग ने इन जिलों के डीएम व एसएसपी को जांच के आदेश दिए हैं।
आयोग की ओर सचिव रोशनलाल की ओर से इन जिलों के डीएम व एसएसपी को भेजे गए पत्र में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया है। साथ ही अपने-अपने जिलों के गायब हुए क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्यों को तलाशने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई को कहा गया है। आयोग ने निर्देश दिए हैं कि प्रकरण में सत्यता पाए जाने पर दोषियों के विरुद्ध पुलिस में एफआइआर दर्ज कराई जाए।
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सदस्यों को डिमांड पर मिलेगी सुरक्षा
राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने कहा कि जिपं अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और क्षेत्र पंचायतों के प्रमुखों के निष्पक्ष चुनाव को आयोग प्रतिबद्ध है। इस कड़ी में डीएम व एसएसपी को पहले ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव के आलोक में यदि कोई निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि पुलिस सुरक्षा की मांग करता है तो उसे यह मुहैया कराई जाएगी। इस बारे में भी डीएम व एसएसपी को निर्देशित किया गया है।
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