अब स्ट्रांग रूम में होगा चूहे मार दवा का छिड़काव, पढ़िए पूरी खबर
ईवीएम को चूहे नुकसान न पहुंचाएं इसके लिए स्ट्रांग रूम में चूहे मारने की दवाई का छिड़काव किया जाएगा।
देहरादून, जेएनएन। स्ट्रांग रूम में 43 दिनों तक ईवीएम को चूहे नुकसान न पहुंचाएं, इसके लिए चूहे मारने की दवा का छिड़काव किया जाएगा। जिला निर्वाचन विभाग सभी मशीनें पहुंचने के बाद स्ट्रांग रूम के हर कोने में चूहे मारने की दवा का छिड़काव करेगा। इसके अलावा बारिश और फफूंद से बचने के लिए भी विशेष इंतजाम किए जा रह हैं।
मतगणना 23 मई को होगी। करीब 43 दिनों तक ईवीएम स्ट्रांग रूम में बंद रहेंगी। अधिकांश मशीनों की बॉडी प्लास्टिक से बनी है। मशीनों में लगे तारों को भी चूहों से बचाने की चुनौती है। खासकर 2014 के लोकसभा चुनाव में भी निरंजनपुर मंडी में बनाए गए स्ट्रांग रूम में यह समस्या सामने आई थी।
उस दौरान भी लंबे समय के लिए ईवीएम को स्ट्रांग रूम में रखा गया था। बाद में पता चला कि मशीनों को चूहों ने काट दिया था। हालांकि मशीनों के तार सुरक्षित रहने से इनके डेटा पर कोई असर नहीं पड़ा। ऐसे में इस बार जिला निर्वाचन विभाग पुराने अनुभव से सबक लेते हुए स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहता है। खासकर रायपुर महाराणा प्रताप स्पोट्र्स कॉलेज के आस-पास जंगल हैं।
यहां चूहों की संख्या भी ज्यादा हो सकती हैं। ऐसे में चूहे मशीनों को नुकसान न पहुंचाएं, इसके लिए स्ट्रांग रूम में सभी मशीनें रखने के बाद वहां चूहे मारने की दवा का छिड़काव किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि दून के बाद दूसरे जनपदों में भी इसी तरह के सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं।
48 सीसीटीवी कैमरों से रिकॉर्डिंग
स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए अंदर और बाहर 48 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों की रिकार्डिंग पूरी तरह से सुरक्षित रखी जाएगी। इन कैमरों में होने वाली रिकार्डिंग को जूम करके भी देखा जा सकेगा। इसके लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया।
तीन चक्र में रहेगी सुरक्षा
स्ट्रांग रूम की पूरी जिम्मेदारी पैरा मिलिट्री फोर्स को दी गई है। इसके लिए शिफ्टवार सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे। दूसरे चक्र में पीएसी की गार्द और अंतिम चक्र में जिला पुलिस सुरक्षा व्यवस्था संभालेगी। सभी सुरक्षा बल सशस्त्र रहेंगे। इसके अलावा वायरलेस, मोबाइल आदि उपकरण भी सुरक्षा के दौरान मौजूद रहेंगे।
राजनीतिक दल लगा सकेंगे टेंट
स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में राजनीतिक दल भी अपने कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंप सकते हैं। ऐसे कार्यकर्ताओं के नाम पहले निर्वाचन विभाग को देने होंगे। इसके लिए राजनीतिक पार्टियों को स्ट्रांग रूम के आस-पास टेंट लगाने की अनुमति मिलेगी। हालांकि यहां रहने वालों का सत्यापन कराना होगा। जिला निर्वाचन अधिकारी इस पर निर्णय लेगा।
उप निर्वाचन अधिकारी पीएस रावत ने बताया कि स्ट्रांग रूम में मशीनें सुरक्षित रहें, इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। चूहों से बचाने के लिए दवा का छिड़काव किया जाएगा। इसके लिए मशीनें जमा होने के बाद स्ट्रांग रूम में दवा रखी जाएगी।
यह भी पढ़ें: इनके लिए लोकतंत्र के महापर्व में भी भारी पड़ जाती है पेट की आग
यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव: मतदाता ने दिया फैसला, असमंजस में सियासतदां