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अखिल भारतीय सम्मेलन में देवभूमि के लोकरंगों से रूबरू होंगे पीठासीन अधिकारी

दून में होने वाले अखिल भारतीय सम्मेलन के दौरान देश भर के पीठासीन अधिकारी उत्तराखंड की लोकसंस्कृति से भी रूबरू होंगे। इसके लिए संस्कृति विभाग को निर्देशित किया गया।

By Edited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 10:46 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 09:12 AM (IST)
अखिल भारतीय सम्मेलन में देवभूमि के लोकरंगों से रूबरू होंगे पीठासीन अधिकारी

देहरादून, राज्य ब्यूरो। देश के सभी राज्यों की विधानसभा और विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारियों के 17 से 21 दिसंबर तक दून में होने वाले अखिल भारतीय सम्मेलन की तैयारियां तेज हो गई हैं। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सोमवार को सम्मेलन की व्यवस्थाओं को लेकर विभागीय अधिकारियों से मंथन किया। सम्मेलन के दौरान पीठासीन अधिकारी उत्तराखंड की लोकसंस्कृति से भी रूबरू होंगे। इसके लिए संस्कृति विभाग को निर्देशित किया गया।

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विधानसभा स्थित सभागार में हुई बैठक में विस अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि सम्मेलन में सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सचिव, विधान परिषदों के सभापति, उपसभापति भाग लेंगे। अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेंगे। अभी तक 21 राज्यों के विस अध्यक्ष और चार राज्यों की विधान परिषदों के सभापति, 20 राज्यों के विस उपाध्यक्षों की सहमति मिल चुकी है। राज्यसभा के सभापति भी सम्मेलन में शिरकत करेंगे।

विधानसभा अध्यक्ष ने सम्मेलन स्थल के अतिरिक्त अतिथियों के आवास, यात्रा मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था समेत अन्य मसलों पर अधिकारियों से चर्चा कर जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के दौरान 17 से 19 दिसंबर तक अतिथियों को आसपास के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। 19 दिसंबर को अतिथि ऋषिकेश में गंगा आरती, योग प्रदर्शन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों सम्मिलित होंगे। 20 दिसंबर को उनका मसूरी, हरिद्वार, ऋषिकेश के भ्रमण का कार्यक्रम प्रस्तावित है।

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उन्होंने कहा कि सभी अतिथि राज्य के अतिथि के रूप में घोषित हैं, लिहाजा उन्हें उसी प्रकार प्रोटोकाल मुहैया कराया जाए। उन्होंने कहा कि सूचना विभाग उत्तराखंड के सांस्कृतिक विकास, दर्शनीय व पर्यटन स्थल, हस्तशिल्प, महत्वपूर्ण विकास संबंधी योजनाओं की प्रदर्शनी सम्मेलन स्थल पर लगाएगा। संस्कृति विभाग की ओर से गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी लोकसंस्कृति से अतिथियों को रूबरू कराने के मद्देनजर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों से सहयोग की अपेक्षा की और कहा कि राज्य में होने वाले इस प्रकार के पहले सम्मेलन में सभी की जिम्मेवारी अपेक्षित है।

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