उत्तराखंड के कुछ जिलों में फंसा पेच, जिलाध्यक्षों की घोषणा टली
भाजपा के सांगठनिक चुनाव अब धीरे-धीरे चरम पर पहुंच रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष को लेकर लॉबिंग और जोड़-तोड़ हर स्तर से चल रही है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड भाजपा के सांगठनिक चुनाव अब धीरे-धीरे चरम पर पहुंच रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष को लेकर लॉबिंग और जोड़-तोड़ हर स्तर से चल रही है। उधर, मंडल अध्यक्षों के बाद रविवार को जिलाध्यक्षों के नामों पर मुहर लगनी थी, लेकिन कुछ जिलों में पेच फंसने के कारण अब इसमें थोड़ा विलंब तय नजर आ रहा है। संभावना है कि पार्टी सभी सांगठनिक जिलों के अध्यक्षों के नाम तय होने के बाद ही एक साथ इनकी घोषणा करेगी।
उत्तराखंड में संगठन के लिहाज से अत्यंत मजबूत भाजपा में इन दिनों सांगठनिक चुनाव प्रक्रिया चल रही है। एक सप्ताह पूर्व पार्टी मंडल अध्यक्षों के नाम घोषित कर चुकी है। पार्टी ने तय किया था कि सभी सांगठनिक जिलों में अध्यक्ष पदों पर सर्वानुमति कायम कर ही निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए रविवार, यानी आठ दिसंबर की तिथि तय की गई थी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक कुल 14 सांगठनिक जिलों में से अधिकांश जिलों में अध्यक्ष पदों पर सर्वानुमति बन चुकी है लेकिन तीन से चार जिले ऐसे हैं, जिनमें पार्टी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। इसलिए जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ. देवेंद्र भसीन के मुताबिक पार्टी मंथन की प्रक्रिया में जुटी है और जिलाध्यक्ष पदों पर विमर्श जारी है। उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में जिलाध्यक्षों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे।
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दूसरी तरफ, प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अभी तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं है। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अब एक सप्ताह का ही समय बचा है। पार्टी ने 15 दिसंबर तक प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की बात कही है। दरअसल, प्रदेश अध्यक्ष के लिए पार्टी को क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधना है। सूत्रों के मुताबिक यह तय है कि अध्यक्ष कुमाऊं मंडल से ही बनेगा। इनमें पार्टी के दो विधायक और संगठन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का नाम तेजी से चल रहा है।
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