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पदोन्नत शिक्षकों की तैनाती को अब एनआइसी नहीं बनाएगा सॉफ्टवेयर, जानिए वजह

एलटी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नत शिक्षकों की तैनाती के लिए एनआइसी से सॉफ्टवेयर तैयार कराने के फैसले पर शासन ने हाथ पीछे खींच लिए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 01:30 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 01:30 PM (IST)
पदोन्नत शिक्षकों की तैनाती को अब एनआइसी नहीं बनाएगा सॉफ्टवेयर, जानिए वजह
पदोन्नत शिक्षकों की तैनाती को अब एनआइसी नहीं बनाएगा सॉफ्टवेयर, जानिए वजह

देहरादून, राज्य ब्यूरो। एलटी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नत शिक्षकों की तैनाती के लिए एनआइसी से सॉफ्टवेयर तैयार कराने के फैसले पर शासन ने हाथ पीछे खींच लिए हैं। एनआइसी से सॉफ्टवेयर तैयार होने में लग रहे वक्त को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अब तैनाती के लिए अन्य विकल्पों पर गौर किया जा रहा है।

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एलटी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नत किए गए 1346 शिक्षकों में 600 शिक्षकों को ही तैनाती दी जानी है। शेष शिक्षकों को पहले ही प्रवक्ता पदों पर तदर्थ रूप से तैनाती दी गई थी। अब पदोन्नति के बाद तदर्थ प्रवक्ता अपने कार्यस्थल पर ही कार्य करेंगे। उनकी काउंसिलिंग की जरूरत नहीं होगी। शेष पदोन्नत शिक्षकों की ऑनलाइन और निदेशालय में आकर यानी दोनों तरह से काउंसिलिंग में पेच फंसे होने की वजह से शासन ने एनआइसी को शिक्षकों की तैनाती को सॉफ्टवेयर तैयार करने को कहा था।

शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि एनआइसी ने सॉफ्टवेयर बनाने के लिए एक माह की मोहलत मांगी है। नए सॉफ्टवेयर में हो रही देरी को देखते हुए इस विकल्प को छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों को जल्द पदोन्नति और तैनाती का लाभ देने के पक्ष में है। लिहाजा अब पदोन्नत शिक्षकों को जल्द तैनाती के लिए अन्य विकल्प पर विचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि लॉकडाउन के पांचवें चरण में प्रदेश के भीतर लोगों की आवाजाही में प्रतिबंध में रियायत मिल चुकी है। ऐसे में शिक्षकों को नई तैनाती देने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है।

एलटी से 1846 शिक्षकों को प्रवक्ता पदोन्नत कर सूची जारी की गई थी। कुल 1949 शिक्षकों की सूची में 103 भूगोल विषय के शिक्षकों की पदोन्नति के लिए राज्य लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। हाईकोर्ट में मामला सुलटने के बाद शासन ने यह कदम उठाया है। वहीं 1846 शिक्षकों की पदोन्नति सूची में तकरीबन 500 शिक्षक उप्र वापसी कर चुके हैं।

अकाउंट हैकर का पता लगाने को गृह मंत्रालय से लेंगे मदद

महिला कल्याण और बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर आपत्तिजनक संदेश भेजने और इंस्टाग्राम अकाउंट हैक करने वाले का पुलिस को अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। इंस्ट्राग्राम अकाउंट की जानकारी लेने के लिए पुलिस अब केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय से मदद लेगी। इस मामले की जांच कर रहे सीओ नरेंद्र पंत ने बताया कि इंस्ट्राग्राम अकाउंट हैक करने के मामले की जांच में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। अब शासन के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा जाएगा।

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वहां से विदेश मंत्रालय के माध्यम से अमेरिका से जानकारी हासिल की जाएगी। क्योंकि, इंस्ट्राग्राम का मुख्य सर्वर अमेरिका में है। फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाने के मामले में फेसबुक को रिमाइंडर भेजा गया है। हालांकि, अब तक कोई जवाब नहीं आया है। इसी वर्ष 10 जनवरी को मंत्री रेखा आर्य का इंस्टाग्राम अकाउंट हैक हो गया था। वहीं, 30 अप्रैल को किसी व्यक्ति ने उनके नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर उससे आपत्तिजनक संदेश भेजे और मैसेंजर से फोन करने की कोशिश की।

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