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Lockdown: देहरादून के हॉटस्‍पॉट क्षेत्र में बच्‍ची की मौत, पुलिस-मेडिकल पर उठे सवाल तो DM ने दिया ये जवाब

प्रशासन की ओर से सील की गई भगत सिंह कॉलोनी में एक छह वर्षीय मासूम की मौत का मामला सामने आया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 15 Apr 2020 07:58 PM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2020 07:58 PM (IST)
Lockdown: देहरादून के हॉटस्‍पॉट क्षेत्र में बच्‍ची की मौत, पुलिस-मेडिकल पर उठे सवाल तो DM ने दिया ये जवाब
Lockdown: देहरादून के हॉटस्‍पॉट क्षेत्र में बच्‍ची की मौत, पुलिस-मेडिकल पर उठे सवाल तो DM ने दिया ये जवाब

देहरादून, जेएनएन। देहरादून में प्रशासन की ओर से सील की गई भगत सिंह कॉलोनी में एक छह वर्षीय मासूम की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने मामले में मेडिकल पोस्ट और पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। उधर, जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं। एहतियातन कोरोनेशन अस्पताल में भी भारी पुलिस तैनात की गई है।

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भगत सिंह कॉलोनी निवासी मोहम्मद आजम पेशे से टेलर हैं। बताया कि बीती नौ अप्रैल को छत पर खेलते समय उनकी छह वर्षीय बेटी अक्क्षा गिरकर चोटिल हो गई थी। आरोप है कि वे उसे बड़े अस्पताल ले जाना चाह रहे थे, लेकिन जब वे उसे लेकर बैरकेडिंग पर पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें यह कहते हुए छात्रवास स्थित मेडिकल पोस्ट पर भेज दिया कि पहले वहां से अनुमति लेकर आएं। आरोप है कि मेडिकल पोस्ट पर मौजूद कर्मचारियों ने उन्हें कुछ गोलियां लेकर घर भेज दिया और कहा कि तीन दिन तक यही खिलाओ। 

बुधवार सुबह उनकी बच्ची की ज्यादा तबीयत बिगड़ गई, लेकिन फिर भी उन्हें अस्पताल नहीं जाने दिया गया। इस बीच, वह किसी तरह से पहले दून मेडिकल कॉलेज और फिर कोरोनेशन पहुंचा। इस बीच बच्ची की मौत हो गई। कोरोनेशन के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीसी रमोला ने बतया कि बच्ची ब्रॉट डेड थी। चूंकि मामला हॉटस्पॉट वाले क्षेत्र से जुड़ा है इसलिए दून मेडिकल कॉलेज की टीम पोस्टमार्टम आदि की कार्रवाई करेगी।

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एहतियातन लिया जाएगा सैंपल

डॉ बीसी रमोला ने बताया कि यह मामला नॉन-कोविड कैटेगरी का है। फिर भी स्टफ की सुरक्षा के मद्देनजर बच्ची के शव से कोरोना के लिहाज से भी सैंपल लिया जा रहा है। जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि बहुत दुखद घटना है, लेकिन वहां पर डॉक्टरों से लेकर पूरा सिस्टम काम कर रहा है। वे किसी उच्चाधिकारी से भी वार्ता कर जानकारी दे सकते थे। एएनएम, टीचर, डॉक्टर आदि सभी रोजाना वहां जाते हैं। अब ये किन परिस्थितयों में हुआ। कहां संवादहीनता रह गई। इसकी जांच कराई जाएगी। मौके पर इमरजेंसी नंबरों की सूची चस्पा कराई जा रही है।

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