चेक बाउंस मामले में व्यापारी को छह माह की कैद, लगाया इतना अर्थदंड
चेक बाउंस मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने व्यापारी को छह माह की साधारण कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख 26 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया।
देहरादून, जेएनएन। चेक बाउंस मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने व्यापारी को छह माह की साधारण कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख 26 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया।
अर्थदंड की धनराशि में से पांच लाख 25 हजार रुपये बतौर प्रतिकर परिवादी को देने के आदेश भी दिए। अर्थदंड न चुकाने पर अभियुक्त को एक माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा। साथ ही उससे प्रतिकर की धनराशि विधिनुसार वसूल की जा सकेगी।
मेन बाजार विकासनगर निवासी अवतार सिंह पुत्र भगवंत सिंह ने अधिवक्ता अवतार सिंह मजीठिया के माध्यम से एनआइ एक्ट के तहत अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में व्यापारी रोहित कुकरेजा पुत्र हरबंस कुकरेजा निवासी रोहित गारमेंटस एंड शूज विकासनगर के खिलाफ चेक बाउंस का परिवाद दायर किया था।
इसमें अवतार ने कहा कि रोहित ने उससे पांच लाख रुपये उधार लिए थे। उधार की वापसी के लिए रोहित ने 2015 में पांच लाख रुपये का चेक दिया, लेकिन चेक बाउंस हो गया। चेक बाउंस का नोटिस मिलने के बाद भी रोहित ने धनराशि का भुगतान नहीं किया।
बीते शनिवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में सुनवाई के दौरान रोहित कुकरेजा ने अभियोग का सारांश बताते समय स्पष्टीकरण दिया कि उसका हस्ताक्षर किया गया ब्लैंक चेक उसके डाक्यूमेंटस के साथ तीन चार साल पहले खो गए थे। इसकी तहरीर उसी समय कोतवाली में दी थी, उसी चेक का दुरुपयोग कर अवतार सिंह ने उसे झूठा फंसाया है।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता एससी गुप्ता ने तर्क दिया कि बिना ज्यादा जान पहचान के पांच लाख रुपये उधार देना संभव नहीं है। इसके अलावा यह तर्क भी दिया कि विधिनुसार बीस हजार रुपये से अधिक की धनराशि कैसे दी जा सकती है।
तमाम जिरह व साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने बचाव पक्ष के चेक गुम होने के स्पष्टीकरण को विश्वसनीय नहीं माना। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मदन राम ने चेक बाउंस मामले में रोहित कुकरेजा को दोषसिद्ध माना।
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