अब कूड़ा निस्तारण की स्थिति दिलाएगी 'स्टार रेटिंग'
अब शहरों को कूड़ा निस्तारण पैमाने पर परखा जाएगा और फिर शहर की स्थिति के मुताबिक सेवन स्टार तक की रेटिंग की जाएगी।
देहरादून, [जेएनएन]: स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण के बाद अब शहरों को कूड़ा निस्तारण के पैमाने पर परखा जाएगा। इस चरण में शहरों को स्वच्छ सर्वेक्षण की तरह रैंकिंग तो जारी नहीं की जाएगी, मगर शहर की स्थिति के मुताबिक सेवन स्टार तक रेटिंग दी जाएगी। स्टार रेटिंग में राज्य के 91 नगर निकाय व नौ कैंट बोर्ड प्रतिभाग करेंगे। 'स्टार रेटिंग ऑफ गार्बेज फ्री सिटीज' नामक इस कार्यक्रम के तहत नगर निकायों के कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया।
राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए आवास एवं शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने स्वच्छता की दिशा में तमाम शहरों ने बेहतर प्रदर्शन किया, मगर उचित डॉक्यूमेंटेशन न होने के कारण हासिल उपलब्धि का प्रदर्शन नहीं हो पाया।
वहीं, शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव व स्वच्छ भारत मिशन के मिशन निदेशक वीके जिंदल स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्य के छोटे शहरों को बधाई दी। साथ ही सर्वेक्षण में निचले पायदान पर रहे बड़े शहरों के प्रदर्शन पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि स्वच्छता की प्रथम शर्त जैविक व अजैविक कूड़े को स्रोत पर ही अलग-अलग एकत्रित करना है। ताकि जैविक कूड़े से कंपोस्ट बनाई जा सके और अजैविक कूड़े को रिसाइकल किया जा सके।
प्रशिक्षण में नगर निकायों के कार्मिकों को इंदौर, अंबिकापुर, विशाखापत्तनम, तिरुअनंतपुरम, सहारनपुर आदि शहरों में किए जा रहे सफल कार्यों की डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। विषय विशेषज्ञ वैभव राय ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में शहरी विकास सचिव आरके सुधांशु, विषय विशेषज्ञ पंकज अरोड़ा, निदेशक शहरी विकास बीएस मनराल, अपर निदेशक उदय सिंह राणा, संयुक्त सचिव अभिषेक त्रिपाठी, अधीक्षण अभियंता रवि पांडेय आदि उपस्थित रहे।
इन बिंदुओं पर दी जाएगी स्टार रेटिंग
डोर-टू-डोर कलेक्शन, सेग्रिगेशन एट सोर्स, सार्वजनिक स्थलों की सफाई, छोटे-बड़े कूड़ेदान लगाना व कूड़े से रिसाइकलेवल की रिकवरी, वैज्ञानिक कूड़ा प्रबंधन, यूजर फीस के साथ ही जुर्माना लगाना व गंदगी फैलाने वाले लोगों का चालान, नागरिक शिकायतों पर कार्रवाई, पुराने कूड़े के ढेरों का निपटान, नालियों की सफाई, कूड़े में कमी लाना, सौंदर्यीकरण के कार्य।
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