छात्रवृत्ति घोटालाः राजस्व और समाज कल्याण विभाग के बीच उलझी एसआइटी
करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच अब राजस्व और समाज कल्याण विभाग के बीच उलझती नजर आ रही है।
देहरादून, जेएनएन। करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच अब राजस्व और समाज कल्याण विभाग के बीच उलझती नजर आ रही है। समाज कल्याण विभाग राजस्व प्रमाणपत्र से लेकर आवेदन सत्यापन की जिम्मेदारी राजस्व विभाग पर टाल रहा है। वहीं, राजस्व विभाग बजट जारी करने से लेकर आवेदक के दस्तावेज समाज कल्याण विभाग के पास होने का हवाला देकर बचने की कोशिश में जुटा है। ऐसे में एसआइटी दोनों विभागों के खिलाफ सबूत जुटाने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर समाज कल्याण में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच हुई। इसके लिए गठित एसआइटी शुरूआत में तहरीर के लिए इधर-उधर हाथ-पैर चलाती रही।
समाज कल्याण विभाग ने भी शुरू में एसआइटी को नियम विरुद्ध बताने की भरसक कोशिशें कीं। इस पर एसआइटी ने हरिद्वार में एक मुकदमा दर्ज कर लिया। इस मुकदमे के बाद एसआइटी समाज कल्याण विभाग को कानूनी नोटिस देकर दस्तावेज जुटा रही है।
हरिद्वार जिले से इस संबंध में काफी दस्तावेज मिल गए हैं। वहीं, देहरादून में हुए घोटाले के दस्तावेज अभी भी एसआइटी को पूरे नहीं मिले हैं। इस बीच एसआइटी ने एक व्यक्ति की तहरीर पर डोईवाला में एक युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
इस मामले में भी अभी तक एसआइटी को पूरे दस्तावेज नहीं मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि दून में सबसे ज्यादा प्राइवेट स्कूलों में छात्रवृत्ति का वितरण हुआ है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि प्रदेश के अन्य जिलों के अपेक्षा यहां अधिक दशमोत्तर छात्रवृत्ति बांटी गई। दस्तावेज न मिलने के चलते एसआइटी मुकदमा दर्ज नहीं कर पा रही है। इसके पीछे राजस्व और समाज कल्याण विभाग एक-दूसरे पर छात्रवृत्ति घोटाले में हुई गड़बड़ी का आरोप लगाते नजर आ रहे हैं।
होगी निष्पक्ष जांच
डीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार के अनुसार छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी जांच कर रही है। जांच निष्पक्ष होगी। जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। समाज कल्याण और राजस्व विभाग की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
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