जम्मू कश्मीर में शहीद हुए भाई की फोटो पर राखी बांधती है बहन
कुछ बहने ऐसी भी हैं जो रक्षाबंधन पर अपने भार्इयों की फोटो पर राखी बांधती हैं। ऐसी बहनों को राखी का त्योहार भावुक होकर जाता है।
देहरादून, [जेएनएन]: भाई-बहन के लिए रक्षाबंधन सबसे बड़ा त्योहार है। बहनें इस दिन भाई की कलाई पर राखी बांधकर अपनी रक्षा का वादा लेती हैं। पर कई बहनें ऐसी भी हैं, जिनके भाई देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं। ऐसी बहनों को राखी का त्योहार भावुक होकर जाता है।
राजपुर के चंद्रलोक कॉलोनी के रहने वाले राइफलमैन मनोज राणा तीन बहनों के इकलौते भाई थे। वह 27 जुलाई 2013 को जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गए। छोटी बहन पिंकी राणा कहती हैं कि 2013 में दो अगस्त को राखी थी। भाई को राखी के लिए 29 जुलाई को घर आना था, लेकिन 27 जुलाई को वह शहीद हो गए। घरवालों ने मनोज के लिए लड़की भी देखी थी। यह सोचा था कि रक्षाबंधन के मौके पर मनोज घर आएंगे तो इस ही दौरान उनकी सगाई भी करवा देंगे। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। पिंकी कहती हैं कि मेरा एक ही भाई था। तीनों बहनों को भाई की खासी कमी खलती है।
उनकी दो बहनें मधु व पूनम की शादी हो चुकी है। पूनम के पति सोबन थापा भी फौज में हैं। पिंकी भाई के शहीद होने के बाद से माता-पिता की देखभाल के लिए उनके साथ ही रहती हैं, ताकि उन्हें भाई की कमी न खले। रक्षाबंधन के दिन वह अपने भाई की फोटो पर राखी बांधती हैं।
सीमा पर तैनात जवानों को पुंचाते हैं राखी
दैनिक जागरण का भारत रक्षा पर्व रथ अलग-अलग शहरों से बहनों का प्यार सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों तक पहुंचाता है। इसके लिए बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे जवानों के लिए राखियां और शुभकामना संदेश भेजते हैं। रामपुर रोड पर साहू क्लब ने भी भारत रक्षा पर्व रथ के साथ चल रही जागरण टीम को राखियां भेंट की। इसके बाद रथ सेंट लॉरेंस स्कूल पहुंचा। जहां पर बच्चों ने भारत माता के जयकारों के साथ रथ का स्वागत किया एवं जवानों के लिए राखियां भेंट की।
यहां से रथ धान मिल रोड स्थित आनंद एकेडमी पहुंचा। छोटे-छोटे बच्चों ने भारत माता के जयकारे लगाकर दैनिक जागरण टीम को राखियां भेंट की। यहां से होता हुआ भारत रक्षा पर रथ महर्षि स्कूल पहुंचा। शहर में विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के अलावा विभिन्न स्कूलों के बच्चे रथ के साथ चल रही जागरण टीम को राखियां भेंट की।
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