Uttarakhand Lockdown Day 4: एकांत में अध्ययन का बड़ा महत्व, पाठ्यक्रम को अपग्रेड करने में जुटे कुलपति
श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति डॉ.ध्यानी लॉकडाउन के चलते इन दिनों ज्यादातर समय विश्वविद्यालय के चंबा स्थित कार्यालय में गुजार रहा हैं और पाठ्यक्रम को अपग्रेड करने में जुटे हैं।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए किए गए लॉकडाउन के चलते इन दिनों ज्यादातर समय विश्वविद्यालय के चंबा स्थित कार्यालय में गुजार रहा हूं। एकांत में अध्ययन का बड़ा महत्व है। इसलिए यहां नए वार्षिक परीक्षा पाठ्यक्रम का अध्ययन कर रहा हूं। इसके अलावा लॉकडाउन का पालन करने के लिए लोगों को प्रेरित करने की जिम्मेदारी भी वरिष्ठ लोगों के कंधों पर है। जिसे मैं निष्ठा से निभाने की कोशिश कर रहा हूं। इस कठिन दौर में सबसे पहली चुनौती खुद को सुरक्षित रखना है। इसलिए अन्य लोगों को भी घर में ही रहने की सलाह देता हूं। यह कहना है श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी का।
डॉ. ध्यानी बताते हैं कि इस कठिन दौर में भी वह अपने मस्तिष्क समेत संपूर्ण शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दिनचर्या की शुरुआत योग और प्राणायाम से करते हैं। यह प्रक्रम सुबह सात से आठ बजे तक विवि परिसर में ही चलता है। चंबा में इन दिनों काफी ठंड है और प्रदूषण भी न के बराबर है। यह स्थिति शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। ऐसे में योग और प्राणायाम दोगुना लाभकारी है। इसके बाद उनके दिन की शुरुआत नाश्ते में दूध, ब्रेड और मौसमी फलों के सेवन से होती है। यह भी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक हैं।
ठीक साढ़े नौ बजे वह विवि के कार्यालय पहुंच जाते हैं। यहां तकरीबन चार घंटे तक हाल ही में तैयार किए गए विवि के स्नातक स्तर के वार्षिक परीक्षा पाठ्यक्रम का अध्ययन करते हैं। कोशिश है कि इसमें कहीं कोई त्रुटि न रह जाए। एक-दो विषयों के पाठ्यक्रम बचे हुए हैं, जिनको अंतिम रूप दिया जाना है। इसके बाद दिन में करीब दो बजे दोपहर का भोजन करते हैं। जिसमें दाल, चावल, सब्जी, रोटी, सलाद आदि शामिल है। इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट,विटामिन और प्रोटीन मिल जाता है।
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फिर एक घंटा आराम करने के बाद साढे़ तीन बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक विवि के अधिकारियों और कर्मचारियों से फीडबैक लेता हूं। उन्हें समझाता हूं कि घर में बैठकर ही छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम से लेकर दाखिले की तैयारी का रोडमैप तैयार करें। लेकिन, घर से बाहर न निकले। लोगों को जागरूक करने का समय डॉ. ध्यानी बताते हैं कि यह समय खुद को घर में सुरक्षित रखने के साथ ही लोगों को घरों में रहने के लिए प्रेरित करने का है। इसलिए विवि के टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी व उत्तरकाशी के अधिकारियों और शिक्षकों से लगातार संपर्क में हूं। उन्हें क्षेत्र में लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व बताने और प्रवासियों को होम क्वारंटाइन कराने की सलाह दे रहा हूं। इसको लेकर प्रशासन को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में पहुंच रहे प्रवासियों की जांच होना जरूरी है।
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