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मां शैलपुत्री से की कोरोनामुक्ति की कामना, गूंजे जयकारे

मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना के साथ शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो गया। मठ-मंदिरों में प्रातकाल घट स्थापना के साथ मां नव दुर्गा के प्रथम रूप शैल पुत्री की पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं ने देश में कोरोनामुक्ति की कामना की। पहले दिन धर्मनगरी के मंदिरों में खासी भीड़ देखने को मिली।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 10:08 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 10:08 AM (IST)
मां शैलपुत्री से की कोरोनामुक्ति की कामना, गूंजे जयकारे
मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना के साथ शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो गया।

हरिद्वार, जेएनएन। मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना के साथ शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो गया। मठ-मंदिरों में प्रात:काल घट स्थापना के साथ मां नव दुर्गा के प्रथम रूप शैल पुत्री की पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं ने देश में कोरोनामुक्ति की कामना की। पहले दिन धर्मनगरी के मंदिरों में खासी भीड़ देखने को मिली। कोरोना के भय से दूर श्रद्धालु मां की आस्था में सराबोर नजर आए।

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नौ दिन तक चलने वाले शारदीय नवरात्र का प्रारंभ हो गया। प्रात:काल से ही धर्मनगरी हरिद्वार के विभिन्न मंदिरों में भक्त उमड़ पड़े और मठ-मंदिर मां दुर्गा के जयकारों से गूंज उठे। मां इस बार घोड़े पर सवार होकर भक्तों के द्वार पहुंची है। इससे पहले भक्तों ने मां दुर्गा के सुमिरन के साथ घट स्थापना शुरू की और मां के भक्त गंगा तट पहुंचकर कलशों में गंगाजल भरकर लाए। मां दुर्गा के आह्वान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ घर के देव स्थल पर मिट्टी से खेत्री (मां का दरबार) बनाई। 

इसमें जौ बोए गए और फिर कलशों में गंगाजल के साथ कुशा, अक्षत, रौली, चांदी का सिक्का आदि रखा गया। तत्पश्चात कलश के शीर्ष भाग पर रक्तवर्णी वस्त्र में लपेट कर श्रीफल विराजा गया। इसके बाद गणेश पूजन व नव ग्रह पूजन कर स्थान देवता और कुल देवताओं का आह्वान कर मां दुर्गा का पूजन हुआ। मां दुर्गा की स्तुति और आह्वान के साथ कलशों को खेत्री के ऊपर प्रतिष्ठित किया। इस तरह से मठ-मंदिर से लेकर घर-घर घट स्थापना हुई। इसके बाद भक्तों ने मां दुर्गा का व्रत रखकर मां के दरबार में माथा टेका और चुनरी आदि प्रसाद मां के दरबार में चढ़ाया। 

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कोरोना से मुक्ति की कामना की

हे मां देश को, विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाओ की प्रार्थना की गई। धर्मनगरी के मनसा देवी, चंडीदेवी, माया देवी, काली मंदिर, मकरवाहिनी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में श्रद्धालु कोरोना के भय से दूर नजर आए। हालांकि, श्रद्धालुओं ने मास्क ओर स्वयं ही शारीरिक दूरी का पालन किया। इस मौके पर मंदिर जहां मां के जयकारों से गूंज उठे, वहीं श्रद्धालुओं ने मां से देश को कोरोनामुक्त करने की कामना की।

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