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Shardiya Navratri 2020: पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा, इस बार आठ दिन के हैं नवरात्र

आज से शारदीय नवरात्र शुरू हो गए हैं। पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जा रही है। इस बार शारदीय नवरात्र आठ दिन के हैं। इस लिहाज से नवरात्र का समापन 24 अक्टूबर को होगा। इसके अगले दिन 25 अक्टूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 09:09 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 10:48 PM (IST)
Shardiya Navratri 2020: पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा, इस बार आठ दिन के हैं नवरात्र
आज से शारदीय नवरात्र शुरू हो गए हैं। पहले दिन मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की गई।

देहरादून, जेएनएन। Shardiya Navratri 2020 आज से शारदीय नवरात्र शुरू हो गए हैं। पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जा रही है। इस बार शारदीय नवरात्र आठ दिन के हैं। इस लिहाज से नवरात्र का समापन 24 अक्टूबर को होगा। इसके अगले दिन 25 अक्टूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी।

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नवरात्र में रोजाना काफी संख्या में श्रद्धालु मां दुर्गा के विविध स्वरूपों के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए मंदिर जाते हैं। इसको देखते हुए दून के मंदिरों ने कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत ही प्रवेश देने की तैयारी की है। नवरात्र में भी श्रद्धालु मंदिरों में मूर्ति नहीं छू सकेंगे और प्रसाद चढ़ाने की अनुमति भी नहीं होगी। मंदिर में प्रवेश से पहले सभी श्रद्धालुओं के हाथ सैनिटाइज कराए जाएंगे। मंदिर के भीतर इस तरह की व्यवस्था बनाई गई है कि श्रद्धालुओं में शारीरिक दूरी बनी रहे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार नवरात्र में मंदिर समितियों ने भंडारे आदि का आयोजन स्थगित कर दिया है। 

आज सुबह मंदिरों में घट स्थापना के बाद अखंड ज्योति जलाई गई। साथ ही मां दुर्गा का श्रृंगार कर उन्हें चोला अर्पण किया गया। इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ और कीर्तन हो रहे हैं। वहीं, शुक्रवार को रात तक मंदिरों में सजावट आदि का कार्य जारी था।

डाटकाली मंदिर में होगी विशेष आरती

डाटकाली मंदिर में भक्त सुबह छह बजे से माता के दर्शन कर रहे हैं। शाम पांच बजे मंदिर में विशेष आरती होगी। महंत रमन गोस्वामी ने बताया कि जिन भक्तों स्वास्थ्य सही नहीं है, वह घर में ही पूजा करें। मंदिर में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करने के लिए स्टीकर चस्पा किए गए हैं।

घट स्थापना की विधि और शुभ मुहूर्त

आज घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:27 बजे से 10:12 बजे तक है। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:30 से 12:30 बजे तक रहेगा। घट स्थापना के लिए सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेकर घर में मंदिर की साफ-सफाई कर मां दुर्गा के नाम से अखंड ज्योति जलाएं। इसके बाद मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं। अब तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं और लोटे के ऊपरी हिस्से में मौली बांधें। इस लोटे में पानी भरकर उसमें कुछ बूंद गंगाजल डाल दें। लोटे के मुख में आम के पांच पत्ते रखने के बाद लोटे पर लाल कपड़ा लपेट दें। इसके बाद लोटे के ऊपर नारियल रख दें। इस लोटे को मिट्टी के उस पात्र के बीचोंबीच रखें, जिसमें जौ बोए हैं। माता के पूजा स्थल पर नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, फूलों की माला और श्रृंगार पिटारी रखकर आराधना करें।

पूजा का सामान खरीदने को बाजार में उमड़ी भीड़

नवरात्र के लिए माता की प्रतिमा, पूजा का सामान, फल-फूल आदि खरीदने को हनुमान चौक, करनपुर, पटेलनगर समेत सभी बाजार में दिनभर भीड़ उमड़ी रही। पटेलनगर के दुकानदार नवनीत ने बताया कि अनलॅाक के बाद से अब तक जितना सामान बेचा, उससे दोगुना कारोबार शुक्रवार को रहा। करनपुर के दुकानदार मयंक कर्णवाल ने बताया कि बीते वर्ष के मुकाबले इस बार 50 फीसद ही बिक्री हुई।

शारदीय नवरात्र की तिथियां

  • 17 अक्टूबर------प्रतिपदा
  • 18 अक्टूबर------द्वितीया
  • 19 अक्टूबर------तृतीया
  • 20 अक्टूबर------चतुर्थी
  • 21 अक्टूबर------पंचमी
  • 22 अक्टूबर------षष्ठी
  • 23 अक्टूबर-----सप्तमी
  • 24 अक्टूबर-----अष्टमी-नवमी

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शारदीय नवरात्र पर दी शुभकामनाएं

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शारदीय नवरात्र के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि नवरात्रि व्रत पूजन, मातृ शक्ति की आराधना के साथ ही अंत:करण की शुद्धि, आत्मानुशासन, आत्म संयम और मन की एकाग्रता बढ़ाने का अवसर भी होता है। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से अपील की है कि नवरात्रि में कोरोना संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन अवश्य करें।

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि नवरात्रि में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि का पर्व हमें मातृशक्ति की आराधना तथा सम्मान की प्रेरणा देता है। समाज में नारी के महत्व को प्रदर्शित करने वाला यह पर्व भारतीय संस्कृति की महान परंपरा का भी प्रतीक है। नवरात्रि में कन्या पूजन की परंपरा भी बालिकाओं के सम्मान से जुडा विषय है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से नवरात्रि के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में कोविड-19 के लिए निर्धारित मानकों का अनुपालन करने की भी अपेक्षा की है। 

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