बचपन को बस्ते और होमवर्क के बोझ से निजात, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में सरकारी और निजी सभी स्कूलों के लिए कक्षा एक से लेकर दसवीं तक बस्ते का बोझ तय किया गया है। कक्षा एक और दो में बस्ते का भार डेढ़ किलो से ज्यादा नहीं होगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में अब बचपन पर न तो बस्ते की बोझ मार पड़ेगी और न ही होमवर्क (गृह कार्य) का गैर जरूरी दबाव होगा। सरकारी और निजी, सभी स्कूलों के लिए कक्षा एक से लेकर दसवीं तक बस्ते का बोझ तय किया गया है। कक्षा एक और दो में बस्ते का भार डेढ़ किलो और तीन से पांचवीं तक तीन किलो से ज्यादा नहीं होगा। साथ ही कक्षा एक व दो में कोई गृह कार्य नहीं दिया जाएगा। यानी स्कूल से लेकर अब घरों में बच्चे दबावमुक्त माहौल में रहेंगे। सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को उत्तराखंड में लागू कर दिया है। इस आदेश से खासतौर पर ज्यादा पाठ्यक्रम और किताबों की होड़ में शामिल निजी और पब्लिक स्कूलों की परेशानी बढ़ना तय है। इस व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को सचल दल गठित कर स्कूलों के मुआयने के निर्देश दिए हैं। उक्त आदेश का पालन नहीं करने वाले स्कूलों का पंजीकरण निरस्त किया जाएगा।
बचपन को भारी-भरकम बस्ते से निजात दिलाने की पैरवी लंबे अरसे से की जा रही है। नौनिहालों को बस्तों के बोझ से राहत देने के संबंध में मद्रास हाईकोर्ट ने 19 मई, 2018 को आदेश दिए थे। इसके बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर अमल करने को कहा गया था। अब उत्तराखंड सरकार ने भी उक्त आदेश पर अमल कर दिया है। विद्यालयी शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को उक्त संबंध में आदेश जारी किए हैं।
आदेश में बस्ते के बोझ के साथ ही प्राथमिक कक्षाओं के लिए गृह कार्य की नई व्यवस्था तय की गई है। कक्षा एक से कक्षा दो तक नौनिहालों को कोई गृह कार्य नहीं दिया जाएगा। कक्षा तीन से आगे कक्षाओं में भी प्रति सप्ताह दो घंटे का गृह कार्य ही दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को गृह कार्य नहीं दिया जाएगा।
पाठ्यक्रम एवं विषय:
कक्षा एक से दो में भाषा एवं गणित तथा कक्षा तीन से पांचवीं में भाषा, गणित एवं पर्यावरण विज्ञान से इतर विषय नहीं पढ़ाया जाएगा। विद्यालयों में सीबीएसइ की ओर से लागू एनसीईआरटी की पुस्तकें ही उपयोग में लाई जाएंगी।
कक्षावार बस्ते का यूं तय किया गया है भार:
- कक्षा----------------------किलो
- एक व दो-----------1.5
- तीन से पांच--------03
- छठी-सातवीं---------04
- आठवीं-नवीं---------4.5
- दसवीं----------------05
स्कूल बैग के भार के लिए नीति:
- स्कूल में एक दिन में केवल दो या तीन विषय और दूसरे दिन अन्य दो या तीन विषय ही पढ़ाए जाएंगे।
सचल दल:
स्कूलों के निरीक्षण के लिए सचल दल गठित होंगे। कक्षा एक व दो में कोई गृह कार्य नहीं देने और इन दोनों कक्षाओं में भाषा व गणित के अतिरिक्त अन्य कोई विषय नहीं पढ़ाया जाएगा। स्कूल बैग का भार निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए। सचल दल इसे लेकर स्कूलों पर निगाह रखेंगे। आदेश का पालन नहीं हुआ तो स्कूलों का पंजीकरण निरस्त होगा।
यह भी पढ़ें: लाइब्रेरी से निकल मोबाइल पर पहुंचीं किताबें, लेकिन नहीं छूटा साथ
यह भी पढ़ें: जेलों में बंद अपराधियों को राह पर लाएंगी किताबें, खुलेंगी लाइब्रेरी