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प्लाज्मा दान कर बचाई बुजुर्ग की जान, इंस्पेक्टर राजेश साह ने पेश की मानवता की मिसाल

दून अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे कोरोना संक्रमित की जान बचाने के लिए इंस्पेक्टर राजेश साह ने मानवता की मिसाल पेश की। अनजान व्यक्ति को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए वह देहरादून पहुंच गए।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 05:37 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 10:25 PM (IST)
कोरोना संक्रमित व्यक्ति की जान बचाने के लिए की गई यह पहल आमजन को प्रेरणा देने वाली है।

रुड़की, केके शर्मा। दून अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे कोरोना संक्रमित की जान बचाने के लिए इंस्पेक्टर राजेश साह ने मानवता की मिसाल पेश की। अनजान व्यक्ति को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए वह देहरादून पहुंच गए। कोरोना संक्रमित व्यक्ति की जान बचाने के लिए की गई यह पहल आमजन को प्रेरणा देने वाली है।

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कोरोना की इस लड़ाई में खाकी फ्रंट लाइन में प्रमुख भूमिका निभा रही है। इस जंग में पुलिसकर्मी भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। बावजूद इसके कोरोना के खिलाफ इस जंग में खाकी हर मोर्चे पर जनता के लिए मिसाल पेश कर रही है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है। देहरादून के दून अस्पताल में कोरोना संक्रमित व्यक्ति को एबी पॉजिटिव ग्रुप के प्लाज्मा की जरूरत थी। व्यक्ति के परिचितों ने सोशल मीडिया पर मैसेज कर कोरोना से ठीक हो चुके इस ग्रुप के व्यक्ति से प्लाज्मा डोनेट करने की गुहार लगाई थी। सिविल लाइंस कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेश साह के व्हाट्सएप पर भी यह मैसेज आया। कुछ दिन पहले ही राजेश साह कोरोना से ठीक होकर ड्यूटी पर लौटे हैं। इंस्पेक्टर साह ने कोरोना से ठीक हुए एबी पॉजिटिव ग्रुप के व्यक्तियों से कोरोना संक्रमित के लिए प्लाज्मा डोनेट करने को अपने फेसबुक अकाउंट पर मैसेज पोस्ट किया था। लेकिन घंटों बीत जाने के बाद भी किसी ने इस मैसेज पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके बाद अनजान व्यक्ति की जान बचाने के लिए उन्होंने अपने मन में ठान ली। सीओ रुड़की से उन्होंने इसके लिए अनुमति ली। सीओ की अनुमति मिलने पर वह देहरादून के दून अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल में उन्होंने अपना प्लाज्मा डोनेट किया। अस्पताल के चिकित्सक भी अनजान व्यक्ति के लिए उनकी इस पहल की प्रशंसा कर रहे हैं। सीओ चंदन सिंह बिष्ट ने बताया कि इंस्पेक्टर साह ने कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्तियों के सामने एक मिसाल पेश की है।

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रात ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान कर बुजुर्ग महिला की बचाई जान  

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मैसेज पढ़कर ज्वालापुर के युवक नितिन अमीषा पोखरिया ने आधी रात ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान कर बुजुर्ग महिला की जान बचा ली। बुजुर्ग के स्वजनों ने रक्तदान करने वाले नितिन को धन्यवाद दिया। मंगलवार की रात सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा था। जिसमें लिखा था कि भूमानंद अस्पताल में भर्ती 60 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला को प्लेटलेट्स की सख्त जरूरत है। बुजुर्ग की प्लेटलेट्स घटकर 60 हजार रह गई है। सामाजिक संस्था नवरंग ग्रुप के अध्यक्ष नितिन अमीषा पोखरिया ने रात करीब डेढ़ बजे यह मैसेज देखा तो उनसे रहा नहीं गया। रात करीब दो बजे स्कूटी से ब्लड बैंक पहुंचकर नितिन ने रक्तदान किए। इस तरह बुजुर्ग महिला की जान बच गई। बुजुर्ग के स्वजनों, ब्लड बैंक व अस्पताल स्टाफ ने नितिन के जज्बे की सराहना की।

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