आरटीओ प्रवर्तन और दो एआरटीओ ने शासन को भेजा जवाब, सीएम धामी के आरटीओ कार्यालय में छापे के दौरान पाए गए थे अनुपस्थित
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गत 18 मई को आरटीओ कार्यालय में छापा मारा था। इस दौरान कार्यालय में दोनों आरटीओ समेत 25 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए थे। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही आरटीओ प्रशासन देहरादून डीके पठोई को निलंबित करने के निर्देश दिए थे।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा आरटीओ कार्यालय देहरादून में मारे गए छापे के दौरान कार्यालय में अनुपस्थिति को लेकर संभागीय परिवहन अधिकारी सुनील कुमार और दोनों एआरटीओ ने अपना जवाब शासन को सौंप दिया है। सभी ने छापे के दौरान अपनी स्थिति के बारे में जानकारी दी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गत 18 मई को आरटीओ कार्यालय में छापा मारा था। इस दौरान कार्यालय में दोनों आरटीओ समेत 25 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए थे। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही आरटीओ प्रशासन देहरादून डीके पठोई को निलंबित करने के निर्देश दिए थे। साथ ही शासन ने अधिकारियों व कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। इस कड़ी में आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा, एआरटीओ प्रवर्तन निखिलेश ओझा, एआरटीओ प्रशासन द्वारिका प्रसाद ने अपना स्पष्टीकरण शासन को भेज दिया है।
सूत्रों की मानें तो स्पष्टीकरण में आरटीओ प्रवर्तन सुनील कुमार सिंह ने बताया कि वह छापे के दौरान कुठाल गेट में जांच का कार्य कर रहे थे। मुख्यमंत्री के कार्यालय में आने की सूचना पर वह कार्यालय पहुंच गए थे। एआरटीओ प्रशासन द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने अपने जवाब में कहा है कि इस दौरान वह कार्यालय में ही मौजूद थे। वहीं एआरटीओ प्रवर्तन निखिलेश ओझा ने बताया है कि इस दौरान वह भी जांच अभियान पर थे। अब शासन इनके स्पष्टीकरण का अध्ययन करने के बाद आगे की कार्यवाही पर निर्णय लेगा।
भू-कानून संशोधन को गठित समिति की बैठक दो जून को
प्रदेश में भू-कानून में संशोधन पर पुनर्विचार को गठित सुभाष कुमार समिति की बैठक दो जून को होगी। समिति को सभी जिलों में भू-कानून लागू होने के बाद उद्योगों, शिक्षण संस्थाओं समेत विभिन्न उद्देश्य के लिए भूमि के उपयोग पर जिलाधिकारियों की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है।
समिति ने सभी सदस्यों को बैठक की जानकारी दी है। समिति अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने बताया कि बैठक में जिलों से प्राप्त रिपोर्ट पर मंथन किया जाएगा। इसके बाद समिति भू-कानून में संशोधन को लेकर समिति अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी। अगले माह के दूसरे पखवाड़े तक समिति अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है।