जागरण टीम, रुद्रप्रयाग: दो दिन के व्यवधान के बाद केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की यात्रा पटरी पर लौट आई। दोनों ही धामों में पूरे दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। हेली सेवाएं निर्बाध संचालित होने से भी श्रद्धालुओं को राहत मिली। अब तक चारधाम यात्रा पर 10 लाख 14 हजार 871 यात्री पहुंचे हैं।
यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं का जबरदस्त उत्साह दिखा
बदरीनाथ, गंगोत्री और हेमकुंड साहिब धामों की यात्रा को लेकर भी श्रद्धालुओं का जबरदस्त उत्साह दिखा। बारिश और बर्फबारी के कारण केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की यात्रा पिछले दिनों में पूरी तरह संचालित नहीं हो पा रही थी। स्वास्थ्य महानिदेशक डा. शैलजा भट्ट के अनुसार चारधाम यात्र मार्गो पर 48 स्थायी व 19 अस्थायी चिकित्सा इकाइयां 24 घंटे काम कर रही हैं।
इसके अलावा 11 फस्र्ट मेडिकल रिस्पांडर यूनिट भी संवेदनशील स्थानों पर संचालित की जा रही हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि यात्र मार्गो पर 24 फिजीशियन, 133 चिकित्सक, 12 आर्थोपेडिक सर्जन व 65 नर्सिंग अधिकारी तैनात किए गए हैं। नर्सिग व पैरामेडिकल स्टाफ को 15-15 दिनों के रोटेशन पर ड्यूटी पर तैनात किया जा रहा है।
इसके अलावा सिक्स सिग्मा हेल्थ केयर के छह और विवेकानंद ट्रस्ट के सात चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ भी केदारनाथ और पीपलकोटी में यात्रियों को स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं। विषम परिस्थितियों को देखते हुए चार अतिरिक्त चिकित्सक भी केदारनाथ अस्पताल में तैनात किए गए। यात्र मार्गो पर 117 एंबुलेंस तैनात की गई है, जिन्होंने अभी तक 214 घायल तीर्थयात्रियों को उपचार के लिए हायर सेंटर पहुंचाया है। केदारनाथ व यमुनोत्री मार्ग पर भी एक-एक अतिरिक्त एंबुलेंस तैनात की गई है।
माणा गांव में भी लगी है तीर्थ यात्रियों की भीड़
बदरीनाथ धाम के साथ ही देश के अंतिम गांव माणा भी यात्रियों से गुलजार है। प्रतिदिन पांच हजार से अधिक यात्री माणा गांव घूमने आ रहे हैं। यात्री यहां ऊनी वस्त्रों की खरीददारी कर रहे हैं। देश के अंतिम गांव माणा को पर्यटन गांव का दर्जा प्राप्त है। साथ ही यहां का धार्मिक महत्व भी है। माणा गांव में ब्यास गुफा, नारद गुफा, भीम पुल , सरस्वती मंदिर, घंटाकर्ण मंदिर आदि धार्मिक स्थल हैं। यहां पहुंचे यात्री सरहद गांव में जनजाति के लोगों की ओर से बनाए गए ऊनी वस्त्रों की भी जमकर खरीददारी कर रहे हैं। ग्राम प्रधान पीतांबर मोलफा का कहना है कि प्रतिदिन पांच हजार से अधिक यात्री माणा गांव पहुंच रहे हैं।
पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने का रहता खतरा
इनके पैदल ट्रैक पर पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने के खतरे को देखते हुए सुबह के वक्त ही यात्रा चल पा रही थी। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को पड़ावों पर रोका गया था। धुंध की वजह से केदारनाथ के लिए हवाई उड़ान भी नहीं हो पाई।
गौरीकुंड से 14 हजार से ज्यादा श्रद्धालु रवाना हुए
बुधवार को मौसम सुहावना बना रहा। सुबह से दोनों धामों के लिए श्रद्धालुओं को भेजने का क्रम जारी हो गया था। धाम और इसके पड़ावों पर पूरे दिन तीर्थयात्रियों के जत्थे नजर आए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवाल के अनुसार केदारनाथ के लिए दोपहर दो बजे तक गौरीकुंड से 14 हजार से ज्यादा श्रद्धालु रवाना हुए। गौरीकुंड व सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम जाने के लिए दो बजे तक की ही अनुमति है। धाम से दर्शन करके श्रद्धालुओं के लौटने को क्रम शाम तक जारी रहा।
यमुनोत्री ट्रैक पर चोटिल हो रहे श्रद्धालु
यमुनोत्री धाम जाने वाले यात्रियों को पैदल ट्रैक पर कीचड से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। करीब साढ़े पांच किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर कई जगह कीचड़ और फिसलन होने से तीर्थयात्री चोटिल हो रहे हैं।
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने परिवार संग किए बदरी-केदारनाथ के दर्शन
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष व सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने अपने परिवार के साथ बुधवार को बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के दर्शन किए।
चारधाम में यात्रियों की संख्या
- धाम-------25 मई-------अब तक
- यमुनोत्री-----9697------149596
- गंगोत्री-------9869------200351
- बदरीनाथ--11394------329790
- केदारनाथ--14301-----335134
- हेमकुंड-------1458---------9808
- Shri Badarinath Kedarnath Temple Committee (@bktc) 25 May 2022
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