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आरटीआइ से हुआ खुलासा, तीन गुना बढ़ा बूढ़ी पेयजल लाइनों का खर्च

आरटीआइ में खुलासा हुआ है कि देहरादून में बूढ़ी पेयजल लाइनों का खर्च तीन गुना बढ़ गया है। जबकि उम्मीद थी कि एडीबी विंग नई लाइनें बिछा देगा।

By Edited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 02:47 PM (IST)
आरटीआइ से हुआ खुलासा, तीन गुना बढ़ा बूढ़ी पेयजल लाइनों का खर्च
आरटीआइ से हुआ खुलासा, तीन गुना बढ़ा बूढ़ी पेयजल लाइनों का खर्च
देहरादून, [दीपिका नेगी]: दून ने एडीबी पोषित परियोजना के रूप में वर्ष 2008 में नई और बेहतर पेयजल लाइनों का ख्वाब देखा था। वर्ष 2018 में करीब 70 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद परियोजना की अवधि तो पूरी हो गई, मगर जल संस्थान को महज 51.15 किलोमीटर लाइनें यानी आधे से भी कम सुपुर्द की जा सकीं। ऐसे में दून की पेयजल व्यवस्था अभी भी दशकों पुरानी जर्जर पेयजल लाइनों के भरोसे चल रही है। इसके चलते हर साल मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये भी फूंके जा रहे हैं। 
दून की पेयजल व्यवस्था की यह तस्वीर आरटीआइ में मांगी गई ताजा जानकारी में सामने आई। जल संस्थान की दक्षिण व उत्तर शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2008 में जब एडीबी पोषित योजना शुरू की गई थी, तब पेयजल लाइनों पर मरम्मत का खर्च 1.10 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2017-18 में बढ़कर 3.49 करोड़ रुपये पहुंच गया है। जबकि उम्मीद थी कि एडीबी विंग जब नई लाइनें बिछा देगा तो पुरानी लाइनों से निजात मिल जाएगी। साथ लाइनों रखरखाव से भी कुछ समय के लिए मुक्ति मिलेगी। 
दूसरी तरफ इस अवधि में एडीबी विंग 70 करोड़ रुपये खर्च कर महज 154.89 किलोमीटर ही नई लाइनें बिछा पाया और इसमें भी जल संस्था को आधे से भी कम 51.15 किलोमीटर लाइनें ही हस्तांतिरत की जा सकी हैं। ऐसा नहीं कि शेष लाइनों से पेयजल आपूर्ति नहीं की जा सकती, मगर जल संस्थान इन लाइनों को लेने को तैयार नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि नई लाइनों में कई तरह की तकनीकी खामियां हैं। ऐसे में जब एडीबी विंग इन लाइनों का संचालन बंद कर देगा, तब हालात क्या होंगे, फिलहाल इसका ठोस जवाब किसी भी अधिकारी के पास नहीं है। 
नई और पुरानी लाइनों की स्थिति दक्षिण शाखा: कुल लाइनों की लंबाई 1509.55 किलोमीटर है। इसमें पुरानी लाइनों की लंबाई 1310 किलोमीटर है। वहीं, एडीबी विंग ने जो लाइनें बिछाई हैं, उनमें जल संस्थान को 9.55 किलोमीटर ही सुपुर्द की जा सकी है, जिसका संचालन गांधीग्राम क्षेत्र में किया जा रहा है। उत्तर शाखा: कुल लाइनों की लंबाई 598 किलोमीटर है। इसमें पुरानी लाइनें 528.90 किलोमीटर है। इस शाखा में एडीबी विंग की 41.07 किलोमीटर लाइनें जल संस्थान को सुपुर्द की गई हैं। 

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