आरटीई: बकाया 140 करोड़ रुपये को उत्तराखंड देगा केंद्र में दस्तक
राज्य सरकार आरटीई मद में बकाया 140 करोड़ की प्रतिपूर्ति को एक बार फिर केंद्रीय मानव संसाधन विकास के दर पर दस्तक देगी।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत प्री-नर्सरी में दाखिल बच्चों पर हुए खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए राज्य सरकार की कोशिशें अब तक परवान नहीं चढ़ी हैं। वहीं राज्य सरकार आरटीई मद में बकाया 140 करोड़ की प्रतिपूर्ति को एक बार फिर केंद्रीय मानव संसाधन विकास के दर पर दस्तक देगी।
उत्तराखंड में शिक्षा का अधिकार (आरटीइ) अधिनियम के अंतर्गत कमजोर और वंचित वर्गों के बच्चों को निजी विद्यालयों में 25 फीसद दाखिले के प्रावधान को जारी रखने में आर्थिक रूप से मुश्किलें पेश आ रही है। इस प्रावधान के तहत अब तक एक लाख से ज्यादा बच्चों को दाखिला दिलाया जा चुका है। अब इन बच्चों की पढ़ाई आगे जारी रखने में निजी विद्यालयों की ओर से बकाया भुगतान की मांग की जा रही है। बकाया राशि अब तक करीब 140 करोड़ हो चुकी है। बीते वर्ष केंद्र सरकार की ओर से आरटीई के तहत 60 करोड़ की राशि राज्य को दी गई थी।
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेआरटीइ के तहत बकाया राशि के मुद्दे को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के सामने रख चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने बकाया भुगतान का भरोसा भी दिया है। विद्यालयों को बकाया राशि की प्रतिपूर्ति के संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षाधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। वहीं शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि आरटीई की बकाया राशि पाने के लिए एमएचआरडी के दर पर दरख्वास्त दी जाएगी।
यह भी पढ़ें: देहरादून और हल्द्वानी में अब रियायती फीस पर एमबीबीएस नहीं