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गवाहों के मुकरने के बावजूद रोडवेज के रिश्वतखोर एजीएम को तीन साल कैद

उत्तराखंड परिवहन निगम के रिश्वतखोर सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम राजीव कुमार खुल्बे ने तीन साल कैद की सजा सनाई।

By Edited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 05:18 PM (IST)
गवाहों के मुकरने के बावजूद रोडवेज के रिश्वतखोर एजीएम को तीन साल कैद

देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड परिवहन निगम के रिश्वतखोर सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम राजीव कुमार खुल्बे ने तीन साल कैद और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। 

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अदालत ने सुनवाई के दौरान अपने बयान से मुकरे शिकायतकर्ता समेत तीन गवाहों के खिलाफ भी अलग से कार्रवाई करने का आदेश दिया है। विशेष लोक अभियोजक जीसी पंचोली ने अदालत को बताया कि रिश्वत का यह मामला दिसंबर 2009 का है। 

छत्रपाल सिंह उत्तराखंड रोडवेज के कोटद्वार डिपो में संविदा चालक के पद कार्यरत था। इस दौरान उसे ड्यूटी से हटा दिया गया। छत्रपाल ने विजिलेंस को शिकायत की और बताया कि सहायक महाप्रबंधक बृजेश कुमार पुंडीर उसे ड्यूटी पर वापस लेने के लिए तीन हजार रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं। उसे रकम के साथ एक दिसंबर 2009 को अपने कार्यालय में बुलाया है। 

यहां विजिलेंस ने एजीएम को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। वर्ष 2010 में विजिलेंस ने एजीएम के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से सात गवाह पेश किए गए, इसमें शिकायतकर्ता भी शामिल था। मगर बयान के दौरान छत्रपाल आरोपों से मुकर गया। इसके साथ ही दो और गवाह भी बयान से मुकर गए। लेकिन, अदालत ने विजिलेंस द्वारा ट्रैप कार्रवाई के दौरान एकत्रित किए गए साक्ष्यों को अहम माना और कहा कि अभियुक्त के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। इसके साथ ही अदालत ने सजा का फैसाल सुनाया।

विशेष लोक अभियोजक जीसी पंचोली ने बताया कि अदालत ने पक्षद्रोही हुए दो राजकीय कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए विजिलेंस को रोडवेज के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखने को कहा है। चूंकि शिकायतकर्ता सरकारी सेवा में नहीं है, ऐसे में उसके पक्षद्रोही होने को लेकर अदालत ने शासन को पत्र लिखने का आदेश दिया है। 

निदेशक सतर्कता ने टीम को किया पुरस्कृत 

गवाहों के मुकरने के बाद भी विजिलेंस की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर दोषी को सजा मिलने पर निदेशक सतर्कता राम सिंह मीणा ने विजिलेंस की टीम को दो हजार रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। 

वहीं, एसपी मुख्यालय सैंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने कहा कि विजिलेंस ठोस सबूतों के आधार पर कार्रवाई करती है और चार्जशीट फाइल करती है। ऐसे में अभियुक्त का बच पाना मुश्किल होता है। एसपी विजिलेंस प्रमोद कुमार ने कहा कि पक्षद्रोही हुए गवाहों और शिकायतकर्ता के खिलाफ अलग से केस दाखिल किया जाएगा।

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