इन 11 देशों के प्रतिनिधि सीख रहे हैं जैविक कृषि के गुर
राजधानी देहरादून में ग्यारह देशों के प्रतिनिधि जैविक कृषि का गुर सीखने के लिए एकत्र हुए हैं। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम तीस दिनों तक चलेगा।
देहरादून, [जेएनएन]: नवधान्य में जैविक कृषि के गुर सीखने के लिए 11 देशों के 28 प्रतिनिधि जुट गए हैं। जैव विविधता व कृषि पारिस्थितिकी पर आधारित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 30 दिन तक चलेगा।
शनिवार को प्रशिक्षण शुरू करते हुए नवधान्य की संस्थापक डॉ. वंदना शिवा ने कहा कि जैविक कृषि 'वापस लौटने' के नियम पर आधारित खेती है। प्रकृति में संतुलन स्थापित करने के लिए एकमात्र विकल्प यह है कि हमने इस धरती को जो घाव दिए है, उसकी भरपाई की जाए। यह तभी संभव है, जब हम जैविक खेती की तरफ मजबूत कदम बढ़ाएं।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को यहां के बीज बैंक, भूमि संरक्षण, वर्षा जल संग्रहण, परंपरागत कृषि, जैव विविधता की प्रयोगात्मक जानकारी दी जाएगी। इस अवसर पर नवधान्य के कार्यकारी निदेशक डॉ. विनोद कुमार भट्ट, कनाडा से आए जैविक खेती व ग्रामीण विकास के विशेषज्ञ डॉ. अविनाश सिंह, वरिष्ठ प्रशिक्षक डीएस नेगी, फार्म मैनेजर जेपी खाली ने बताया कि किस तरह जैविक खेती को किस तरह बढ़ाया जा सकता है। प्रशिक्षण में संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, इटली, कनाडा, स्विटजरलैंड, ब्राजील, जर्मनी, माल्टा, नेपाल, भूटान आदि देशों से प्रतिभागी शामिल हैं।
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