Move to Jagran APP

भारतीय सेना में सिपाही बन निभाई सैन्य परंपरा, अफसर बन बढ़ाया मान; जानिए इस युवा के बारे में

मन में जोश जज्‍बा और जुनून हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं। देहरादून के बालावाला निवासी युवा भरत सिंह ने ऐसा ही कुछ करके दिखाया है। वह भारतीय सेना में बतौर सिपाही भर्ती हुए। इसके बाद वह सेना में अफसर बने। उनके दादा और पिता भी सेना में थे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 11 Dec 2021 06:12 PM (IST)Updated: Sat, 11 Dec 2021 06:12 PM (IST)
देहरादून के बालावाला निवासी भरत सिंह सेना में अफसर बने।

जागरण संवाददाता, देहरादून: 'पीढ़ी दर पीढ़ी सैन्य वर्दी की शान और सितारे लगाकर बढ़ाया मान'। यह पंक्ति देहरादून के भरत सिंह पर सटीक बैठती है। होश संभालने के बाद से दून के भरत सिंह अपने घर में सैन्य परंपरा और देशभक्ति के जज्बे को जीने लगे। दादा के बाद जब पिता और ताऊ सेना में रहकर देश सेवा कर रहे थे, तो भरत के बड़े भाई ने भी सेना को करियर के रूप में चुना।

loksabha election banner

जवान होते-होते भरत के रगों में भी देशभक्ति का जुनून दौड़ने लगा और वह 12 मेकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट में बतौर सिपाही भर्ती हो गए। अपनी नेतृत्व क्षमता भान होने के कारण भरत को हमेशा से सैन्य अफसर बनने की ललक थी। फिर क्या था बतौर सिपाही सात साल तक निष्ठा से ड्यूटी के बाद उन्हें आर्मी कैडेट कालेज ने सैन्य अफसर बनने का अवसर प्रदान किया। यहीं से उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी का मार्ग मिला और कठिन परिश्रम के बाद आज वे भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल हो गए हैं।

यह भी पढ़ें:- भारतीय सैन्य अकादमी में आधा झुका रहा राष्‍ट्रीय ध्वज, सादगी के साथ हुई परेड; सीडीएस रावत को दी गई श्रद्धांजलि

परिवार में सभी सैनिक हों, तो देशभक्ति का जज्बा दिल में जागना स्वाभाविक है। यही साबित कर दिखाया देहरादून के बालावाला निवासी भरत सिंह ने। भरत सिंह के दादा सेना से बतौर सिपाही सेवानिवृत्त हैं। इसके बाद पिता बलवंत सिंह नायक और ताऊ हवलदार रैंक से रिटायर्ड हैं। जबकि, भाई खिलाफ सिंह वर्तमान में 12 मेकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट में हवलदार हैं। भरत करीब सात साल पहले 12 मेकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट में ही सिपाही भर्ती हुए थे, लेकिन अब वे अफसर बन गए हैं। उनके पिता ने उन्हें सैल्यूट करते हुए कहा 'मेरा बेटा साहब बन गया।' भरत ने सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपने परिवार का मान बढ़ाया है।

यह भी पढ़ें:-अब तक सात राष्ट्रपति ले चुके हैं आइएमए में पासिंग आउट परेड की सलामी, भारत के पहले राष्ट्रपति भी हैं शामिल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.