Raksha Bandhan 2020: स्नेह का धागा, राखी पर भाई का नाम लिखवाने का बढ़ा क्रेज
दून के बाजार में सामान्य राखियों के अलावा चांदी की राखियां भी खूब बिक रही हैं। इन राखियों पर भाई का नाम लिखवाने का चलन भी बढ़ा है।
देहरादून, जेएनएन। Raksha Bandhan 2020 कोरोना ने भले ही त्योहार मनाने का ढंग बदल दिया हो, लेकिन त्योहार के प्रति रुझान कम नहीं कर सका है। दून के बाजार में सामान्य राखियों के अलावा चांदी की राखियां भी खूब बिक रही हैं। इन राखियों पर भाई का नाम लिखवाने का चलन भी बढ़ा है। दून के सर्राफा बाजार में हर साल बड़े पैमाने पर चांदी की राखियों का कारोबार होता है। इस साल भी ज्वेलर्स ने चांदी की राखियों के कई डिजाइन तैयार किए हैं। इन राखियों के लिए प्री-बुकिंग भी खूब आ रही है।
काशी ज्वेलर्स के मालिक अनिल कुमार ने बताया कि प्री-बुकिंग के लिए आ रही राखियों पर बहनें अपने भाई का नाम लिखवा रही हैं। इसके अलावा अपनी पसंद की दूसरे डिजाइन के आर्डर भी दे रही हैं। अम्बा ज्वेलर्स के मालिक अमित कुमार ने बताया कि उन्होंने सभी राखियां दिल्ली और मुजफ्फनगर से मंगाई हैं, क्योंकि कोरोना के चलते यहां लंबे समय दुकानें बंद रहीं और नए डिजाइन तैयार नहीं किए जा सके।
बाजार में दस हजार तक की राखी
बाजार में चांदी का वरक लगी, चांदी का सिक्का लगी, ओम-स्वास्तिक का डिजाइन बनी और पूरे ब्रेसलेट के डिजाइन की राखियां उपलब्ध हैं। अलग- अलग डिजाइन के हिसाब से इनकी कीमत 400 रुपये से लेकर दस हजार तक है। विक्रेता अनिल कुमार ने बताया कि अब बाजार में सोने का पानी चढ़ी और ब्रेसलेट के डिजाइन वाली सोने की राखियां भी बिक रही हैं। इनके दाम तोले के हिसाब से हैं।
बोली बहनें
बबीता जोशी (नकरौंदा) का कहना है कि हर साल राखी पर भाई का इंतजार रहता है, लेकिन आर्मी में होने के कारण उन्हें छुट्टी नहीं मिल पाती। ऐसे में डाक से ही राखी भेजती हूं। इस बार कोरोना के चलते राखी भी नहीं भेज रही हूं। फोन पर ही राखी की बधाई दूंगी।
पूनम नेगी (मोहकमपुर) का कहना है कि राखी के त्योहार पर भाई की बहुत याद आती है। इस साल भाई राखी पर घर आने वाला था, लेकिन कोरोना के चलते नहीं आ सका। उसे मैंने डाक से राखी भेज दी है। उम्मीद है, जल्द कोरोना टल जाए और भाई से मिल सकूंगी।
सरहद पर तैनात भाइयों को भेजें प्यार...
कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार दैनिक जागरण परिवार 'भारत रक्षा पर्व का आयोजन नहीं कर रहा है। हालांकि, देश की रक्षा करने वाले भाइयों के लिए बहनें अपने संदेश हमारे माध्यम से भेज सकती हैं। ये संदेश हमें ई-मेल या वाट्सएप के माध्यम से भेजें...
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