Raksha Bandhan 2020: इस बार दून के बाजारों से चायनीज राखियां गायब, मेड इन इंडिया पर फोकस
हर साल बाजार में सजने वाली चायनीज राखियां इस बार गायब हैं। भाई-बहन के पवित्र पर्व रक्षा बंधन के लिए बाजार सज गए हैं। बहनों ने भाई के लिए रक्षा सूत्र खरीदने शुरू कर दिए हैं।
देहरादून, जेएनएन। भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव का असर राखी के बाजार पर भी दिखने को मिल रहा है। हर साल बाजार में सजने वाली चायनीज राखियां इस बार गायब हैं। भाई-बहन के पवित्र पर्व रक्षा बंधन के लिए बाजार सज गए हैं। बहनों ने भाई के लिए रक्षा सूत्र खरीदने शुरू कर दिए हैं। खास बात ये है कि हर साल दून के बाजारों में बड़े पैमाने पर दिखने वाली चायनीज राखियों की जगह इस बार लोकल और मेड इन इंडिया वाली राखियां दुकानों पर सजी हुई हैं।
नेहरू कॉलोनी में राखियों की दुकान लगाने वाले विक्की ने बताया कि 15 सालों से राखी बेच रहे हैं। हर साल मुजफ्फरनगर, दिल्ली या सहारनपुर से राखी लाते थे। यहां आने वाला ज्यादातर माल चीन से ही आता है। सबसे ज्यादा चायनीज वैरायटी बच्चों के लिए काटरून कैरेक्टर के साथ आने वाली राखियों में मिलती है। साथ ही दूसरे बैंड या लाइट वाली राखी भी वहीं से खरीदी जाती है। लेकिन इस साल भारतीय कंपनियों द्वारा बनाई गई राखियां ही खरीदी हैं। बताया कि दुकान पर आने वाले भी खुद ही चीन की राखी ना दिखाने की हिदायत दे रहे हैं।
ई-मेल या वाट्सएप के माध्यम से भेजें संदेश
कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार दैनिक जागरण परिवार 'भारत रक्षा पर्व' का आयोजन नहीं कर रहा है। हालांकि, देश की रक्षा करने वाले भाइयों के लिए बहनें अपने संदेश हमारे माध्यम से भेज सकती हैं। ये संदेश हमें ई-मेल या वाट्सएप के माध्यम से भेजें..
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ई-मेल: ayush.sharma@drn.jagran.com
सरहद पर तैनात भाइयों को भेजें प्यार..
क्लेमेनटाउन साक्षी राणा ने बताया कि साल भर राखी का इंतजार करती हूं, कि भाई को राखी पहना सकूं। लेकिन भाई आर्मी में है तो हर साल मिलना संभव नहीं होता। ऐसे में पोस्ट के माध्यम से ही राखी भेजती हूं। इस साल राखी भेजने में कोरोना का डर लगा रहा। इसीलिए मैंने ऑनलाइन शॉपिंग कर राखी उसी के पते पर सीधा पोस्ट कर दी। राखी पर यही दुआ है कि जितनी शिद्दत से भाई देश की रक्षा करता है उतनी ही ताकत से रक्षा सूत्र भाई की कोरोना से रक्षा करे।
दून उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री सुनील मेसौन का कहना है कि चीन के साथ तनाव शुरू होने के बाद से ही व्यापार मंडल ने चायनीज माल का बहिष्कार शुरू कर दिया था। राखी पर भी पूरी तरह से इसका विरोध जारी है। सभी व्यापारियों से देश में में बन रही राखी खरीदने को कहा गया है।
गढ़ीकैंट के देवकला दीवान ने बताया कि भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधने का सुखद अनुभव हर बहन के लिए खास होता है। यह अनुभव तब और खास हो जाता है जब आपका भाई पूरी देश की रक्षा के लिए सरहद पर खड़ा हो। लंबे समय से भाई की ड्यूटी दूर होने के चलते राखी नहीं बांधी सकी हूं। इस बार कोरोना के चलते भाई को छुट्टी मिलना और मुश्किल हो गया। भाई की पोस्टिंग दूरस्थ इलाके में होने के कारण उससे बात भी नहीं हो पाती। ऐसे में मैंने पोस्ट से ही राखी और रोली भाई को भेज दी है। उम्मीद है राखी उन तक पहुंच जाए।
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दिल्ली के लिए विशेष वाहन
डाक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राखियां भाइयों तक पहुंचाने के लिए देहरादून से दिल्ली एयरपोर्ट तक विशेष डाक वाहन चलाया जा रहा है। यह वाहन दून जीपीओ से सुबह पांच बजे सहारनपुर और मेरठ होते हुए दिल्ली के लिए रवाना किया जा रहा है और शाम तक वाहन वापस भी आ जा रहा है। इसके अलावा घंटाघर स्थित प्रधान डाकघर में राखी के सात काउंटर बनाए गए हैं और एक काउंटर को रात दस बजे तक खोला जा रहा है।
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